गाल बजाते जनप्रतिनिधि और समस्याएं ✍️जितेंद्र शर्मा
कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की राजधानी को रेड जोन में शामिल कर दिया है। राज्य की हमारी सरकार का कहना है कि केंद्र ने ऐसा करने से पहले हमसे कुछ पूछा नहीं। अब सीएम ने पत्र भेजा है और निवेदन किया है कि रायपुर को रेड जोन से हटाया जाए। वैसे प्रदेश के लगभग कोरोना मरीजों का उपचार राजधानी के ही उस एम्स में हो रहा है जिसे लेकर राज्य में सरकार के पक्ष और विपक्ष में बैठे जनप्रतिनिधियों ने एक अलग वार रूम बनाया हुआ है। हमें खुश होना चाहिए कि हमारे नेता बेहद सजग हैं। किसी भी मामले में अपनी प्रतिक्रिया देने में बिल्कुल भी देरी नहीं करते। ऐसा ही हाल राजधानी में गंभीर रूप ले चुके पीलिया का भी है। शहर में इसका संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि हमारे जन प्रतिनिधि चुप बैठे हैं। उनके बजते गालों की ध्वनि हमारे कानों तक लगातार आ रही है। हमें इस पर संतोष करना चाहिए क्योंकि बीमारी आई है तो कुछ जानें लेकर, कुछ परिवारों को रुलाकर और जनमानस को अपनी कुदृष्टि से तोड़, मरोड़ कर समय के साथ चली ही जाएगी। अब इसमें यदि पब्लिक नगर या राज्य सरकार को दोष देती है तो दे। सरकार क्या करेगी? वैसे हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम जिनको चुनते हैं, उनकी बातों में ही आकर चुनते हैं और चुन जाने के बाद वे बातें ही करते हैं तो इसमें गलत क्या है। इसलिए ही तो कहना चाहिए कि हम जन के प्रतिनिधि भी गजब हैं। चुन चुन कर चुना है हमने सबको। आगे पढ़ें... विदेशी मालिकों की तलाश
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बहुत बढ़िया भैया जी