एक स्पेशल कोर्ट ने नाबालिग बच्चे का यौन शोषण करने के मामले में 26/11 के हमलों में आग बुझाने का काम करने वाले फायरफाइटर को दोषी करार दिया है। उन्हें 5 साल सश्रम जेल की सजा सुनाई गई है।
मुंबई. प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज एक्ट के तहत एक स्पेशल कोर्ट ने पूर्व दमकलकर्मी को पांच साल की सजा सुनाई है। उस पर 2018 में एक नाबालिग बच्चे का यौन शोषण करने का आरोप था। इसमें वह दोषी करार दिया गया है। एक स्पेशल जज ने आरोपी दयानंद कांबले को पॉक्सो एक्ट की धारा 8 और 12 के तहत अपराधी माना है। उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कांबले को आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध) के तहत आरोप से बरी कर दिया गया है। कांबले ने मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों में आग बुझाने का काम किया था।
स्पेशल सरकरी वकील वीना शेलार ने कोर्ट को बताया कि पीड़ित घटना के वक्त 8 साल का था और वह अपने दोस्त को ढूंढते हुए कांबले के घर पहुंचा था। वहां कांबले ने उसका यौन शोषण किया। घर जाकर बच्चे ने सारी बात अपने पैरंट्स को बताई। वे कांबले के घर पहुंचे तो वहां ताला लगा था। इसके बाद उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
कांबले के वकीलों ने बोला- डांटता था, इसलिए उसे फंसाया
कांबले के वकीलों ने कोर्ट में कई दलीलें दीं। इसमें कहा कि कांबले को सिर्फ इसलिए फंसाया जा रहा है कि बच्चा कांबले को पसंद नहीं करता था क्योंकि वह क्रिकेट खेलने के लिए डांटते थे। कांबले के वकीलों ने कोर्ट में यह भी बताया कि उसका ऐसा कोई इतिहास नहीं रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 26/11 के हमलों में कांबले भी आग बुझाने के काम में लगे थे।
कोर्ट ने नहीं मानी वकीलों की बात
पीड़ित ने इस बात को माना था कि गली में क्रिकेट खेलते वक्त कांबले की खिड़कियों पर गेंद मारी थी। हालांकि, उसने कहा कि कांबले ने कभी उसे या उसके दोस्तों को डांटा नहीं है। कोर्ट ने इस बात को नहीं माना कि कांबले को फंसाया गया है। कोर्ट ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कांबले और बच्चे के बीच में पहले से कोई झगड़ा रहा हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई बच्चा किसी को ऐसे नहीं फंसाएगा अगर कोई घटना सच में न हुई हो तो।