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पुलिया में आई दरार को नजरअंदाज कर रहा प्रशासन, आंदोलन की तैयारी में टिकरापारा वासी

भाजपा नेता राजू यदु ने कहा- संकीर्ण और जर्जर हो चुकी है पुलिया, सहनशीलता की सीमा समाप्त।

खैरागढ़। पुराना टिकरापारा में मोती नाला पर स्थित पुल कमजोर हो चुका है। उसमें दरार आ गई है, लेकिन प्रशासन है कि ध्यान ही नहीं दे रहा। स्वीकृति के बावजूद उच्च स्तरीय पुल निर्माण में हो रही देरी से वार्ड के लोगों में नाराजगी है और वे जन आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

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भाजपा नेता राजू यदु ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह के सरकार में यहां उच्च स्तरीय पूल की स्वीकृति मिल गई थी लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है।

यहां बना पुल यातायात के दबाव को देखते हुए काफी संकीर्ण व जर्जर हो चुका है। यदु ने बताया कि टिकरापारा में पुल निर्माण की मांग को लेकर सहनशीलता की सीमा समाप्त हो चुकी है। अब वार्ड में चरणबद्ध तरीके से जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।

यदु ने बताया कि पुराना टिकरापारा स्थित बर्फानी धाम के ठीक आगे मोती नाला में उच्च स्तरीय पुल निर्माण की मांग लंबे समय से लंबित है। वर्तमान में यहां सालों पहले बनी पुलिया अब भारी वाहनों के बोझ को सहने योग्य नहीं है। पुलिया का निचला हिस्सा जर्जर हो चुका है। प्लास्टर उखड़ चुका है। जनसंख्या वृद्धि और वाहनों की अधिकता के कारण इस पुलिया में यातायात का दबाव बढ़ गया है।

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यातायात के लिहाज से यह पुलिया कमजोर और संकीर्ण होने लगी है। इसकी ऊंचाई काफी कम होने से यहां हर साल बाढ़ की स्थिति निर्मित होती है। इसकी वजह से नया टिकरापारा, ग्राम पंचायत अकरजन, कुसियारी, सुतिया और श्रृंगारघाट गांव के निवासियों के लिए यह सुगम मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।

बाढ़ की स्थिति में हजारों लोगों को दैनिक आवश्कताओं और आपातकालीन स्थिति में विकट परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। लिहाजा इस पुलिया को जर्जर घोषित कर यहां उपयुक्त स्थान पर उच्चस्तरीय पूल की आवश्कता लंबे अरसे से महसूस की जा रही है।

सुनने में यह आया है कि यहां एक उच्च स्तरीय पुल की स्वीकृति पिछले सरकार में हो चुकी थी किंतु आज तक यहां किसी तरह का काम शुरू नहीं हो पाया है। वास्तविकता क्या है इसकी प्रमाणिक जानकारी नहीं दी जा रही है।

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Last modified on Tuesday, 05 January 2021 19:01

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