कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्रों ने दिया था आवेदन, कार्यकारिणी की मीटिंग में लिया गया फीस कम न करने का फैसला।
खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के छात्र और कोरोना काल में हुई फीस वृद्धि से परेशान हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे छात्रों को उम्मीद थी कि विवि प्रशासन उनकी परिस्थितियों को संज्ञान में लेकर उनके पक्ष में निर्णय लेगा, लेकिन हुआ ठीक उल्टा, प्रशासन ने कार्यकारिणी का निर्णय सामने रखते हुए दो टूक कहा- फीस कम करना संभव नहीं।
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बुधवार को विश्वविद्यालय प्रशासन का पत्र मिलने के बाद वे मायूस हुए। इससे पहले मंगलवार को छात्रों ने राज्यपाल व विश्वविद्यालय की कुलाधिपति अनुसुइया उइके से भी गुहार लगाई। उन्हें पत्र लिखकर बताया कि पिछले एक सेमेस्टर से वे ऑनलाइन परीक्षाएं दे रहे हैं और परीक्षा सामग्री का खर्च भी खुद ही वहन कर रहे हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने फीस में कटौती नहीं की। छात्रों ने राज्यपाल से मुलाकात का समय भी मांगा है।
हालही की बैठक में ये कहा था राज्यपाल ने
मिली जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले राजभवन में हुई उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में राज्यपाल उइके ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि कोरोना काल में विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने में कोई परेशानी न आए। इसके ठीक दो दिन बाद विश्विद्यालय प्रशासन ने पत्र लिखकर कार्यकारिणी का निर्णय बता दिया।
तारीख बढ़ाई, तो शुल्क भी लगाया
हालही में एबीवीपी ने छात्रों के साथ मिलकर परीक्षा फॉर्म व शुल्क जमा करने की तारीख बढ़ाने का आग्रह किया, तो प्रशासन ने अंतिम तारीख 5 जनवरी से बढाकर 20 जनवरी की। विलंब शुल्क के साथ 25 जनवरी तक आवेदन जमा करने की छूट दी। इसके बाद भी यदि कोई फॉर्म जमा न कर पाए तो उनके लिए विशेष अनुमति शुल्क रखा।
इसके तहत छात्र यदि विलंब शुल्क 640 रु के साथ विशेष अनुमति शुल्क 6690 अतिरिक्त देता है, तो वह 30 जनवरी तक परीक्षा फॉर्म जमा कर सकता है। यानी छात्रों ने तारीख बढ़ाने की गुजारिश की तो विवि प्रशासन ने आर्थिक तंगी झेल रहे छात्रों पर विशेष अनुमति शुल्क का बोझ और लाद दिया।