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हादसे के बाद बच्चे को लेकर खैरागढ़ हॉस्पिटल पहुंचे थे परिजन, समाज सेवक दिलीप श्रीवास्तव लेकर गए रायपुर
खैरागढ़. खेल-खेल में हादसा हुआ और 6 साल के बच्चे का बायां पंजा हाथ से कटकर अलग हो गया। शुक्र है समय पर उचित माध्यम मिला और वह रायपुर के डीकेएस हॉस्पिटल पहुंच गया, जहां हादसे की सूचना पाकर आठ डॉक्टरों की टीम पहले से ही तैयार थी। रातभर ऑपरेशन हुआ और 6 घंटे की मशक्कत बाद बच्चे का पंजा वापस जोड़ दिया गया।
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घटना रविवार (14 मार्च) की है। टोलागांव निवासी ललेश साहू का 6 वर्षीय बालक आकाश घर पर रखी थ्रेसर मशीन का हाथ से घुमा रहा था। तभी खेल-खेल में उसके बाएं हाथ का पंजा मशीन की चपेट में आ गया। खून की धार देख परिजन सदमे में आ गए। बेटे की पीड़ा देख ललेश ने फौरन निर्णय लिया और रात तकरीबन सवा आठ बजे उसे लेकर खैरागढ़ के सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन ने उन्हें तुरंत डीकेएस हॉस्पिटल जाने की सलाह दी।
उसी वक्त पांडादाह निवासी समाज सेवक दिलीप श्रीवास्तव भी अस्पताल में मौजूद थे। वे किसी दूसरे मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। हालात भांपकर उन्होंने आकाश को लेकर ललेश के साथ रायपुर जाने का निर्णय लिया और एंबुलेंस लेकर फौरन रवाना हो गए। इधर डॉ. बिसेन ने डीकेएस के डॉक्टरों को मरीज के बारे में जानकारी दे दी ताकि आकाश को त्वरित इलाज मिल सके।
जैसे ही एंबुलेंस डीकेएस हॉस्पिटल में रुकी, आकाश को सीधे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया, जहां आठ डॉक्टरों की टीम उसके उपचार में जुट गई। रात तकरीबन 12 बजे से शुरू हुआ ऑपरेशन सुबह 6 बजे तक चला। इस दौरान पिता की धड़कनें तेज थीं और आंखें नम। दिलीप भी वहीं ऑपरेशन थिएटर के बाहर जमे रहे। जब ऑपरेशन सफल होने की सूचना मिली, तब जान में जान आई।
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इन डॉक्टरों का प्रयास रंग लाया
खैरागढ़ के बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन सहित डॉक्टरों की टीम ने मरीज की हालत देखते ही डीकेएस के विशेषज्ञों से संपर्क किया और एंबुलेंस की व्यवस्था की। इसके बाद डीकेएस के डॉ. अभिषेक तिवारी, डॉ. पुष्पेंद्र, डॉ. पंकज सोरी, डॉ. दयाल, डॉ. दीपिका, डॉ. तिलोक, डॉ. शीतल और डॉ. हर्षमोहन की टीम ने पूरे ऑपरेशन को सफल बनाया। इस सफल ऑपरेशन की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को भी दी गई।
छत्तीसगढ़ राज्य गौरव से सम्मानित हैं दिलीप
इस पूरी घटना में डीकेएस हॉस्पिटल में परिजनों के साथ रात जगने वाले दिलीप श्रीवास्तव घायलों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। समाज सेवा में उनकी इसी तत्परता के चलते 2014 में उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य गौरव से सम्मानित किया गया है। दिलीप ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने बालक का पंजा बर्फ की थैली में रखा, फिर परिजनों को लेकर रायपुर के लिए रवाना हुए। डीकेएस के डॉक्टरों ने भी एक पल की देरी नहीं की। दिलीप ने बताया कि वे घायलों की इसी तरह से मदद करते हैं। पारिवारिक समझौता कराने में भी भूमिका निभाते हैं।
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