कोरोना काल में आमनेर, पिपरिया और मुस्का जैसी पवित्र नदियों की तरह खैरागढ़ में श्रम, सेवा और सजगता का दिखा संगम।
खैरागढ़. नदियों की निर्मलता और उज्जर खैरागढ़ के लिए समर्पित निर्मल त्रिवेणी महाभियान ने अपनी दूसरी वर्षगांठ पर नगर को बड़ा तोहफा दिया है। महाभियान की टीम ने बेजान पड़े अस्पताल को रंगों की संजीवनी देकर जिंदा कर दिया। झाड़ियों से अटे बेकार पड़े तीन वार्ड श्रमदानियों के हाथ लगते ही बोल उठे। अस्पताल प्रशासन ने इनका उपयोग भी शुरू कर दिया है।
महाभियान में आमनेर, पिपरिया और मुस्का जैसी पवित्र नदियों की तरह श्रम, सेवा और सजगता का संगम दिखा। तभी तो चरणबद्ध काम हुए। नदियों की सफाई बाद 7000 फलदार व औषधीय पौधे रोपे। इसके बाद उज्जर खैरागढ़ को लक्ष्य बनाया। फतेह मैदान की रंगत सुधारकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। फिर कोरोना काल की परिस्थियों काे भांपकर अस्पताल की सूरत सुधारने का बीड़ा उठाया। दो माह से लगातार जुटे रहे। रोज दो घंटे दिया और अस्पताल के बंद पड़े तीन पेइंग वार्ड की सफाई कर उसे उपयोग लायक बनाया। बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन का कहना है कि निर्मल त्रिवेणी की टीम के कारण आज पूरे 6 पेइंग वार्डों का उपयोग कर पा रहे हैं।
शहर को सजाने रंगों में मिलाया मेहनत का पसीना
महाभियान के सदस्य उत्तम दशरिया ने बताया कि शहर को सजाने में अब तक तकरीबन 1000 लीटर रंग लग चुके हैं। इसमें पॉलीटेक्निक की दीवारों पर बने चित्र और फतेह मैदान के रंग भी शामिल हैं। हॉस्पिटल में लगभग 150 लीटर रंगों का प्रयोग हुआ है। इस हिसाब से देखें तो दो लाख रुपए के आसपास खर्च हुए हैं। इससे ज्यादा रोज दो घंटे की मेहनत लगी है।
संक्रमणकाल में भी सदस्यों ने दिखाई दृढ़ता
महाभियान के सदस्यों ने तीज-त्योहार के दिनों में भी श्रमदान किया। कोरोना संक्रमणकाल में भी पीछे नहीं हटे। संयोजक भागवत शरण सिंह का कहना है कि 5 अप्रैल 2019 से सफ़र की शुरुआत हुई थी। सभी साथियों के सहयोग, सक्रिय भागीदारी और असीम समर्पण ने प्रतिदिन 2 घंटे के नियमित श्रमदान के संकल्प को टूटने नहीं दिया।

खुद काम किया और दूसरों की प्रेरणा बने
निर्मल त्रिवेणी की टीम ने नगर को संवारने का काम किया और आसपास के गांव व शहरों के लिए प्रेरणा बने। छुईखदान और गंडई के साथियों ने खैरागढ़ में चल रहे महाभियान के कार्यों से प्रेरित होकर अपने नगर को संवारना शुरू किया। इसी तरह आसपास के गांवों में भी छोटी-छोटी टीमों ने सकारात्मक पहल की और सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें शेयर कीं।
नगर को जरूरत है ऐसे सेवाभावियों की
नगर पालिका की निवर्तमान अध्यक्ष मीरा चोपड़ा का कहना है कि नगर को ऐसे सेवा भावियों की जरूरत है। उनके पति वरिष्ठ कांग्रेसी गुलाब चोपड़ा ने अपना कथन एक बार फिर दोहराया। बोले- सियासत में सेवाभावी युवा ही चाहिए। निवर्तमान उपाध्यक्ष रामाधार रजक का कहना है कि महाभियान के सदस्यों ने कोरोना काल की जरूरतों को समझा और अस्पताल में श्रमदान कर तीन वार्ड जीवंत किए। यह बेहद सराहनीय है।
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