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खैरागढ़ में शुक्रवार को विशाल भंडारे के साथ हुआ पांच दिवसीय रुख्खड़ महोत्सव का समापन।
खैरागढ़. पांच दिवसीय रुख्खड़ महोत्सव पहले दिन की कांवर यात्रा से आखिरी दिन के भंडारे तक लयबद्ध रहा। महाशिवरात्रि के दिन चार घंटे तक द्वादश शिवलिंग के अभिषेक ने पूरे वातावरण को शिवमय कर दिया। भिलाई से आए कान्हाजी महाराज ने लय ताल पर मंत्रोच्चार कर बाबा के भक्तों को बांधे रखा। दुग्धाभिषेक के दौरान दूध की धार अनावरत जारी रही।
इसके बाद शाम को बाबा की शोभायात्रा निकली। श्री सांई सेवा समिति के सहयोग से सारी तैयारियां हुईं। डीजे पर भजनों का सिलसिला चला, जिसकी धुन पर भक्तों के पांच थिरके। शाम तकरीबन 6 बजे श्री रुख्खड़ मंदिर से शुरू हुई शोभायात्रा अस्पताल चौक से ठाकुर पारा, कुम्हार पारा, बरेठ पारा, इतवारी बाजार होते हुए बख्शी मार्ग की ओर मुड़ी। यहां वरिष्ठ कांग्रेसी गुलाब चोपड़ा बाबा के भक्तों की सेवा के लिए तत्पर दिखे। निवर्तमान अध्यक्ष मीरा चोपड़ा खुद शोभा यात्रा में शामिल हुईं। कुछ दूर आगे व्यवसायी इंद्रजीत अग्रवाल और उससे आगे वीर हनुमार सेवा समिति तुरकारीपारा के सदस्यों ने भक्तों का जलपान से स्वागत किया। रात तकरीबन साढ़े 9 बजे शाभा यात्रा वीरेश्वर महादेव मंदिर पहुंची और आरती के बाद इसका समापन हुआ।
हवन-पूजन बाद भंडारे का प्रसाद पाने उमड़ी भीड़
दूसरे दिन शुक्रवार को हवन-पूजन के बाद दोपहर 1 बजे से भंडारे का आयोजन रखा गया। भक्तों की तादाद का अनुमान लगाकर श्री रुख्खड़ ट्रस्ट समिति ने इस बार परिसर के बाहर पंडाल की व्यवस्था की थी। बाबा को भोग लगा और भंडारे का प्रसाद पाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। देर शाम तक तांता लगा रहा। भक्तों को भोजन कराने वाले भी सेवाभाव से जुटे रहे। हर वर्ग ने शिरकत की।
बाबा की कृपा से मिली भव्यता
श्री रुख्खड़ मंदिर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष रामकुमार सिंह का कहना है कि पांच दिवसीय महोत्सव में हरेक दिन का अनुभव अनूठा रहा। शहर के युवा भक्तिभाव से जुटे। पहले दिन निकली कांवर यात्रा ने ऊर्जा भर दी। इसके बाद महाशिवरात्रि के दिन हुए संगीतमय अभिषेक ने पूरे माहौल को शिवमय कर दिया। बाबा की कृपा से कार्यक्रम को भव्यता मिली। उनकी प्रेरणा रही तो हर साल ऐसा ही आयोजन होगा।