रायपुर. देश की राजधानी दिल्ली में आप यानी आम आदमी पार्टी की सरकार है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं और पार्टी का प्रतीक है ‘झाड़ू’। वही झाड़ू जो सफाई के काम आती है। खबर ये है कि अब दिल्ली की सफाई के लिए छत्तीसगढ़ के अबुझमाड़ में निर्मित पारंपरिक झाड़ुओं का इस्तेमाल होगा। यानी हमारे अबुझमाड़ी झाड़ू देश की राजधानी में सफाई की पहचान बनेंगे। पढ़ें: दाऊ जी तूसी ग्रेट हो
नाफेड नई दिल्ली से 35 हजार झाड़ुओं का आर्डर मिलने के बाद संजीवनी मार्ट कांकेर के जरिए मंगलवार को इसकी पूर्ति की गई। अच्छी बात ये कि झाड़ुओं के निर्माण से जुड़ी महिलाओं को इससे लाभ हुआ। बताया गया कि 35 हजार झाड़ू की कीमत 11 लाख 90 हजार रुपए है, जिसकी बिक्री से महिलाओं को पांच लाख 79 हजार रुपए का फायदा हुआ। इससे महिला समूह में उत्साह का संचार हुआ है। पढ़ें: दाऊ जी तूसी ग्रेट हो
प्रदेश के बाहर मिलने लगा बाजार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य लघु वनोपज संघ निरंतर इन लघु वनोपज का उचित मूल्य संग्राहकों को दिलवाने हेतु प्रयासरत है। संघ के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि नारायणपुर जैसे दूरस्थ अंचलों के ग्रामीण आज अपनी लघु वनोपज का न केवल उचित मूल्य प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से संग्रहित एवं प्रसंस्कृत वन उत्पादों की पहुंच और धमक आज देश की राजधानी दिल्ली तक हो गई है।
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माँ जगदम्बा स्व-सहायता समूह द्वारा नारायणपुर में जिला यूनियन द्वारा भण्डारण एवं प्रसंस्करण हेतु उपलब्ध कराए गए स्थान पर पाइप और केन झाड़ू का निर्माण किया जा रहा है। समूह के सदस्यों द्वारा अब तक 86 हजार 460 झाड़ू का निर्माण किया जा चुका है। स्थानीय बाजार में किया जा रहा विक्रय पर्याप्त नहीं होने के कारण राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध कराया गया है।
आदिवासी बनाते हैं परंपरागत फूलझाड़ू
नारायणपुर के आदिवासी ग्रामीण परम्परागत रूप से फूलझाड़ू का निर्माण करते रहे हैं, किन्तु किसी प्रकार की शासकीय सहायता एवं मार्गदर्शन प्राप्त न होने के कारण इन वन उत्पादों का उचित मूल्य उन्हें प्राप्त नहीं हो रहा था। विगत वर्ष राज्य लघु वनोपज संघ के निर्देश पर जिला यूनियन नारायणपुर द्वारा ओरछा जैसे अबुझमाड़ के अंतर्गत आने वाले ग्राम की तीन महिला स्व-सहायता समूहों का चयन कच्चा माल (फूलझाड़ू घास) क्रय करने हेतु किया गया और 5.25 लाख रुपए की चक्रीय राशि प्रदान की गयी। समूह द्वारा कच्चा माल क्रय कर नारायणपुर स्थित माँ जगदम्बा स्व-सहायता समूह को विक्रय कर 3.15 लाख रुपए की आय प्राप्त की गयी।
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