महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की।जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगने के लिए यह फोन किया।
इंडिया टुडे के मुताबिक यह फोन कॉल राजनैतिक अस्थिरता को देखते हुए मदद मांगने के लिए किया गया था। सूत्रों से पता चला है कि उद्धव ठाकरे ने ना तो कोरोना वायरस, ना ही लॉकडाउन को लेकर यह बातचीत की, बल्कि अपनी कुर्सी को खतरे में आते हुए देख, यह बातचीत की गई।
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CM उद्धव ठाकरे ने कहा कि संकट की घड़ी में किसी भी तरह की राजनैतिक अस्थिरता प्रदेश के लिए सही नहीं होगी, इससे लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा।
प्रधानमंत्री ने भी जवाब में उद्धव ठाकरे को भरोसा दिलाया और इस मामले पर जल्द ही गौर करने की बात कही।
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पूरा मामला :
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री जरूर हैं पर किसी सदन के सदस्य नहीं है। ना तो विधानसभा के, ना ही विधान परिषद के। 27 अप्रैल को महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास एक प्रस्ताव भेजा था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र विधान परिषद में नामांकित किया जाए, लेकिन राज्यपाल की तरफ से अभी तक इस मामले पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है इसी संवैधानिक संकट को बढ़ता हुआ देख उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई।
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क्या कहता है संविधान?
संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत किसी भी सदन का सदस्य हुए बिना व्यक्ति 6 महीने से ज्यादा किसी भी मंत्री पद पर नहीं रह सकता। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और मई के 28 तारीख को उनका 6 महीना पूरा हो जाएगा इस दौरान किसी सदन के सदस्य नहीं बने तो मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है।
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