लॉक डाउन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम केयर्स नाम के फंड की घोषणा की जो लगातार सवालों के घेरे में है सवाल उठते हुए दिखाई दे रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष मौजूद है, तो पीएम केयर्स फंड की जरूरत ही क्यों पड़ी? सरकार जवाब दें।
हो सकती है जांच पड़ताल :
जानकारी मिली है कि पीएम केयर्स फंड की ऑडिटिंग होगी अर्थात इस फंड की जांच पड़ताल की जाएगीें। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस फंड की जांच के लिए एक इंडिपेंडेंट टीम बनाई जाएगी इसमें पीएम मोदी भी शामिल रहेंगे आपको बता दें कि पीएम केयर फंड विदेशों से भी डोनेशन लेने के लिए खोला गया हैें।
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बताते चलें कि जब से पीएम केयर्स फंड लॉन्च किया गया है, तब से लगातार सवालों का सामना करना पड़ रहा है केंद्र सरकार का कहना है कि पीएम केयर्स फंड से स्वास्थ्य कर्मी और लाखों दिहाड़ी मजदूरों की मदद की जा सकेगी, जिनकी जिंदगी कोरोना वायरस के कारण तबाह हो गई है, वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि इस फंड की पारदर्शिता में कमी हैें।
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जहां एक और विपक्षी दलों का कहना है कि दान की रसीद उपलब्ध नहीं कराई जा रहे वहीं दूसरी ओर इकोनामिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि दान करने के बाद रसीद को डाउनलोड किया जा सकता है साथ ही साथ इस फंड की पारदर्शिता और स्थापना के खिलाफ एम एल शर्मा जो कि एक वकील हैं, उन्होंने जनहित याचिका दायर की हैें।
जानिए क्या है प्रधानमंत्री राहत कोष (PMNRF) और पीएम केयर्स (PM CARES) :
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 2019 के आखरी तक 3800 करोड़ रुपए मौजूद थे जो कि प्रधानमंत्री के वेबसाइट पर भी दिखाई पड़ते हैं, किस मद में कितनी राशि खर्च की गई इसकी भी पूरी जानकारी वेबसाइट पर मौजूद है, पर पीएम केयर्स को कितना दान मिला और किसने दान दिया, सिर्फ इसकी घोषणा ही मौजूद है, पर पैसे का कोई भी हिसाब-किताब नहीं हैैें। विपक्ष और कुछ लोगों का कहना है कि पीएम केयर्स का पूरा ब्यौरा वेबसाइट पर कहीं भी मौजूद नहीं हैैें।
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