पुलवामा हमले की पहली बरसी के बाद Congress के नेता निशाना साध रहे हैं। पहले पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को तीन सवाल पूछे, फिर शनिवार को पार्टी के ही उदित राज ने बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा- ‘‘जो लोग सत्ता पाने के लिए गुजरात में नरसंहार करवा सकते हैं, वे सत्ता बनाए रखने के लिए 40 जवानों की जान का सौदा भी कर सकते हैं। इनके लिए देशभक्ति और राष्ट्रवाद जनता को भरमाने का एक टूल भर है।’’
उदित राज ने ट्वीट में यह भी कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने सही सवाल उठाया कि पुलवामा हमले के जांच का नतीजा अभी तक नहीं आया। जब गृह मंत्रालय को खबर मिल गई थी कि सीआरपीएफ को रोड से नहीं, बल्कि एयर से ले जाना चाहिए तो इजाजत नहीं दी अर्थात राजनैतिक लाभ के लिए यह घटना होने दिया गया।’’
‘राष्ट्रवाद का प्रचार अक्सर उच्च जाति वाले ही करते हैं’
वे आगे लिखते हैं, ‘‘सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद का प्रचार करने वाले लोग अक्सर उच्च जाति के होते हैं और जिन सैनिकों ने मुख्य रूप से हमले में अपनी जान गंवाई वे एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों से आते हैं। हाशिए पर खड़े समुदायों को सत्ताधारी सवर्णों की देशभक्ति की कीमत चुकानी पड़ती है।’’
राहुल ने ये पूछा- हमले के बाद जांच में क्या निकला?
इससे पहले राहुल गांधी ने हमले को लेकर पहला सवाल किया कि इस हमले से सबसे ज्यादा किसे फायदा मिला? दूसरा सावाल ये कि हमले के बाद हुई जांच का परिणाम क्या निकला और तीसरा प्रश्न, भाजपा सरकार ने इस हमले को लेकर हुई चूक के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया है?