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रागनीति के कार्यक्रम नेता जी ऑन लाइन हैं… में वरिष्ठ पत्रकार सचिन अग्रहरि और अतुल श्रीवास्तव के सवालों के जवाब में खैरागढ़ विधायक ने किया खुलासा।
रागनीति के यूट्यूब चैनल पर हालही में शुरु हुए कार्यक्रम नेता जी On Line हैं… में रविवार (13 सितंबर) को खैरागढ़ विधायक ने वरिष्ठ पत्रकार सचिन अग्रहरि के सवालों का जवाब देते हुए सारी अटकलों पर विराम लगा दिया। वे बोले- ‘मेरा ब्लड टेस्ट कराया जाए तो Corona निगेटिव निकलेगा और Congress पॉजिटिव!’
दरअसल, नेता जी On Line है… Live कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार सचिन अग्रहरि ने पूछा कि चुनाव तो आपने भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ लड़ा, लेकिन जीतने के बाद रंग बदल गए। आपके Facebook Page का रंग तो आज भी गुलाबी है, पर सक्रियता कांग्रेस के प्रति दिखाई दे रही है। इस बदलाव को क्या मानते हैं? खैरागढ़ के बदलाव के लिए किया है या कोई राजनीतिक कारण है?
वैसे तो Live कार्यक्रम का विषय ‘खैरागढ़ कल आज और कल’ पर केंद्रित था, लेकिन इस सवाल की प्रासंगिकता इसलिए भी थी कि विधायक देवव्रत सिंह के विज्ञापनों सरकार का गुणगान स्पष्ट दिखाई देता है। नगर पालिका चुनाव को लेकर भी कांग्रेस के उनकी सक्रियता छिपी नहीं है।
इन सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए देवव्रत बोले- ‘मैं बहुत स्पष्ट करना चाहूंगा कि मेरे लिए राजनीति कभी कोई प्रतिष्ठा का विषय कभी नहीं रहा। राजनीति हम लोगों के पूरे परिवार में क्षेत्र की सेवा करके पूरे क्षेत्र का विकास करने का रहा है। मैं तीन बार पहले विधायक रहा, फिर सांसद भी।’
‘दस साल राजनीति से लगभग बाहर था। कांग्रेस संगठन में काम करता था। पर मुझे लगा कि बहुत सारा विकास खैरागढ़ का रुक गया है और रुक इसलिए गया है कि जो प्रयास रायपुर स्तर पर, प्रदेश स्तर पर, देश के स्तर पर होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया है। मैंने विधानसभा लड़ने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन किसी कारण से कांग्रेस पार्टी ने टिकट नहीं दी।’
वीडियो में देखें क्या कह रहे हैं देवव्रत...
‘मैंने कांग्रेस छोड़कर जोगी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। सरकार कांग्रेस की बनी और मुझे लगता है कि जो मेरी परिकल्पना छत्तीसगढ़ राज्य को लेकर है। हम लोगों के अंदर जो क्षेत्रीय विकास को लेकर बात थी, उस बात को भूपेश बघेल जी जमीन स्तर पर बड़े सार्थक रूप में कार्य कर रहे हैं।’
‘जैसे कृषि को लेकर जो मॉडल देना चाहिए भूपेश बघेल की सरकार वह दे रही है। मैं लगातार 10-12 वर्षों से जैविक खेती कर रहा हूं और खेती ही हमारा मुख्य आधार है। उसमें जो पहल छत्तीसगढ़ सरकार ने किया तो छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद में पहली ऐसी सरकार है या पहला ऐसा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल है, जिसने छत्तीसगढ़ बनने के मतलब को जमीन लेवल पर सार्थक किया है। इसीलिए उनकी जितनी योजनाएं हैं उनका मैं समर्थन करता हूं।’
‘ठीक है मैंने राजनीतिक परिस्थितियों के चलते Congress छोड़ी थी, लेकिन आप सभी जानते हैं इस बात को कि मन से, विचारधारा से, सिद्धांत से कांग्रेसी रहे हैं। मैं संगठन में विभिन्न पदों पर रहा हूं। कांग्रेस ने मुझे काफी कुछ दिया भी। तीन बार विधायक बनाया। सांसद बनाया।’
देवव्रत बोले- ‘जो विचार धारा है, वह तो कांग्रेस में है। मतलब आप Blood Test करेंगे तो कोरोना निगेटिव आएगा, लेकिन Congress पॉजिटिव आएगा।’
पूर्व सीएम के खिलाफ था चुनाव लड़ने का ऑफर
वरिष्ठ पत्रकार अतुल श्रीवास्तव ने सवाल किया कि खैरागढ़ विधानसभा सीट को लेकर एक मिथक था कि वह कांग्रेस की परंपरागत सीट है। अब पिछले चुनाव में आपकी जीत के बाद नया मिथक बना कि यह राजपरिवार की पारंपरिक सीट है।
देवव्रत सिंह बोले- ‘ये कहना सही नहीं है कि ये कांग्रेस की सीट नहीं थी, राजपरिवार की थी। क्योंकि आजकल हर पांच साल में राजनीतिक परिदृश्य बदलता है। नया मतदाता आता है। नई पीढ़ी आती है। लोगों की अपनी सोच अपनी भावना है।’
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‘Congress में वरिष्ठ था तो 2004 में लोकसभा दी गई थी। तब चुनाव हार गया था। फिर 2007 में लोकसभा दी गई। सांसद रहा। विधानसभा सीट छोड़ना पड़ा। राजनीति में राष्ट्रीय पार्टियां जो निर्देश करती हैं, उनका पालन करना पड़ता है। कुछ चीजें राजनीति में भाग्य के भरोसे छोड़ देना चाहिए।’
जब अतुल ने पूछा कि क्या कोई दमदार आपके खिलाफ बीजेपी की ओर से आ सकता है या कांग्रेस से फिर आप लड़ सकते हैं?
तब देवव्रत ने कहा- ‘तीन साल बाद फिर क्या राजनीतिक परिस्थितियां बनेंगी। पिछली बार तो मेरे पास ऑफर था कि मैं भाजपा से लड़ लूं। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ लड़ने का भी ऑफर था। राजनीति में स्थिति परिस्थितियां बनती रहती हैं।’
' राजनांदगांव से भी विधानसभा लड़ने के लिए मुझे कहा गया था। लेकिन मैंने मना कर दिया था।'