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खैरागढ़. पांच दिवसी रुख्खड़ महोत्सव की शुरुआत हुई। सोमवार को पहले दिन हिंदू जन जागरण समिति का जत्था खैरा से नर्मदा जल लेकर खैरागढ़ के लिए निकले। सुबह तकरीबन सवा 8 बजे उनकी पदयात्रा शुरू हुई। खैरागढ़ सांई मंदिर तक 30 किमी का सफर तय कर पहुंचने में उन्हें 6 घंटे लगे। सैकड़ों भक्तों के जत्थे में शामिल नन्हें कांवरियों को तपती धूप में चलता देख हर किसी का दिल पसीजा।
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सड़क अतिरिया, भोरमपुर, घिरघौली, छुईखदान, ढिमरीन कुआं आदि विभिन्न स्थानों पर कांवरियों का भव्य स्वागत हुआ। सरस्वती शिशु मंदिर व विवेकानंद पब्लिक स्कूल के छात्रों ने सड़क के दोनों किनारों से जत्थे पर फूल बरसाए। जब कांवर यात्रा सांई मंदिर के पास पहुंची तो कांवरियों के पग पखारने होड़ मच गई।
श्री रुख्खड़ मंदिर ट्रस्ट समिति के सदस्यों के साथ सांसद प्रतिनिधि राकेश गुप्ता, लक्ष्मीचंद आहूजा, प्रफुल्ल ताम्रकार, मंगल सारथी ने भी पुण्य लाभ कमाया। कांवरियों के स्वागत के लिए नगर पालिका की निर्वतमान अध्यक्ष मीरा चोपड़ा अपने पति वरिष्ठ कांग्रेसी गुलाब चोपड़ा के साथ मौके पर मौजूद रहीं। इधर जैसे-जैसे कांवर यात्री आगे बढ़े दुर्गा चौक, नया बस स्टैंड, पुराना बस स्टैंड आदि में ठंडे पेय से उनका स्वागत किया गया।
हाथ में थाल लिए खड़ी मिली महिलाएं
कांवरियों के स्वागत का सिलसिला यहीं नहीं थमा, अस्पताल की तरफ से राजफेमली में प्रवेश करते ही जत्थे हर द्वार पर दीप जलते दिखाई दिए। महिलाएं हाथ में पूजा की थाल लिए कांवरियों का इंतजार करती दिखीं। किसी ने उन्हें श्रीफल भेंट किया, तो किसी ने तिलक लगाकर आरती उतारी। राजपरिवार की वयोवृद्ध सरोज सिंह ने नन्हें कांवरियों को चलता नंगे पांव चलता देख आश्चर्य व्यक्त किया।
खैरा से फिर जुड़ी कड़ी, चेहरे पर दिखा आनंद
किवदंती के अनुसार रुख्खड़ बाबा रोज सुबह नर्मदा कुंड में स्नान करने के लिए खैरा जाया करते थे। रुख्खड़ महोत्सव के पहले दिन पैदल चलकर पहुंचे कांवरियों ने एक बार फिर खैरा से खैरागढ़ की कड़ी जोड़ दी। कांवर यात्रा के नेतृत्वकर्ता खम्हन ताम्रकार ने कहा कि बाबा का आदेश पाकर जिस जुनून के साथ जत्था खैरा से निकला था, उसी उत्साह के साथ खैरागढ़ के लोगों ने कांवरियों का स्वागत किया। उन्होंने रुख्खड़ स्वामी ट्रस्ट समिति का आभार जताया। समिति के अध्यक्ष रामकुमार सिंह ने भी कांवरियों से कहा कि इस कड़ी को साल-दर-साल मजबूत करने की कोशिश की जाएगी।
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