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मौत का मजाक: बिना जांच अवैध क्लिनिक सील, नहीं बदला ताला… झोलाछाप डॉक्टर के पास ही है चाबी! Featured

जांच पर संदेह: झोलाछाप डॉक्टर की क्लिनिक पर पहुंचे सात लोग, सील लगाकर सिर्फ नायब तहसीलदार ने किए हस्ताक्षर!

खैरागढ़ में सात दिन पहले 28 दिसंबर को 32 वर्षीय युवक की जान सिर्फ इसलिए चली गई कि झोलाछाप डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति को नजरअंदाज कर घर पर ही उसका इलाज जारी रखा। इस घटना के दूसरे दिन प्रशासन ने कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की।

अवैध क्लिनिक की जांच करने पहुंची टीम में 7 लोग थे। टीम में शामिल वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार और आयुर्वेदिक चिकित्सक नेहा साहू को क्लिनिक खोलने के नॉर्म्स, इलाज के लिए डॉक्टर की काबिलियत और इस्तेमाल किए जाने वाले औजारों की जानकारी थी, लेकिन उन्हें जांच का मौका ही नहीं दिया गया।

टीम के सदस्य एएसआई एआर साहू ने अरुण भारद्वाज के मकान में चल रहे अवैध क्लिनिक को लेकर कोई पूछताछ नहीं की। किराएदार की सूचना उसने पुलिस को दी थी या नहीं, ये भी जांच के दायरे में आना चाहिए था। अवैध क्लिनिक के मामले में सख्ती और भी जरूरी थी, फिर भी पूछताछ नहीं हुई।

क्लिनिक पर झोलाछाप डॉक्टर देवीलाल भवानी ने ताला लगाकर रखा था। यहां अफसरों ने किसी तरह की जांच तो नहीं की, उल्टे उसी ताले पर सील लगा आए, जिसकी चाबी खुद आरोपियों के कब्जे में है। बड़ी बात ये कि टीम के सात लोगों में नायब तहसीलदार लीलाधर कंवर, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पीएस परिहार, आयुर्वेदिक चिकित्सक नेहा साहू, राजस्व निरीक्षक सुभाष खोब्रागढ़े, एएसआई एआर साहू और एकाउंटेंट संजय श्रीवास्तव शामिल थे, लेकिन सील पर केवल नायब तहसीलदार का दस्तखत है।

इतनी बड़ी घटना की जांच महज 15 से 20 मिनट में पूरी कर ली गई, जो साबित करता है कि प्रशासन ने इसमें गंभीरता नहीं दिखाई। अगर दिखाई होती तो बिना प्रिस्क्रिप्शन शेड्यूल एच-1 दवा मिलने पर ड्रग डिपार्टमेंट को अलर्ट किया जाता। क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ मुहिम छेड़ी जाती ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

इन बिंदुओं पर भी जांच जरूरी

0 झोलाछाप डॉक्टर ने जिस क्लिनिक में पाइल्स ऑपरेशन किया, वह कितना सुरक्षित है।

0 क्या झोलाछाप का क्लिनिक मेडिकल के नॉर्म्स को पूरा करता है, अगर नहीं तो इस मामले में भी कार्रवाई होनी चाहिए।

0 जिस मकान में झोलाछाप का क्लिनिक है, वह खुद भी इसी पेशे से जुड़ा है। मृतक के भाई ने इलाज के दौरान उसकी संलिप्तता उजागर की है।

0 पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ओपिनियन नहीं दिया गया है, जबकि परिजनों को शंका है कि युवक की मौत रात में ही हो गई थी, हालांकि इलाज करने वाले डॉक्टरों ने उसे बेहोश बताया था।

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Last modified on Tuesday, 05 January 2021 06:47

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