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फैसले पर फूटा गुस्सा: फतेह मैदान में लगने वाली दुकानों से न पटाखा खरीदेंगे और न दोस्तों को खरीदने देंगे Featured

खैरागढ़: प्रशासन ने दिया सुरक्षा का हवाला, ऐतिहासिक मैदान में ही पटाखा दुकान लगाने का निर्णय, प्रशासन के विरोध में उतरे खिलाड़ी।

 

खैरागढ़. विरोध के बावजूद ऐतिहासिक फतेह सिंह मैदान में ही पटाखा दुकानें लगाई जाएंगी। अब पालिका प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ खिलाड़ियों ने मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि वे शांतिर्पूण तरीके से इस फैसले का विरोध करेंगे। उन्होंने यह भी संकल्प लिया है कि वे मैदान में लगने वाली दुकानों से न खुद पटाखा खरीदेंगे और न ही अपने रिश्तेदारों व दोस्तों को खरीदने देंगे।

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प्रशासन के इस अड़ियल रवैये का विरोध करने के लिए शनिवार शाम तकरीबन साढ़े 6 बजे एकत्र हुए खिलाड़ियों ने अपना संकल्प दोहराया। बताया गया कि मैदान में रोजाना अलग-अलग शिफ्ट में 300 से ज्यादा खिलाड़ी खेलने आते हैं, लेकिन प्रशासन ने उनकी चिंता नहीं की। पिपरिया, दाऊचौरा और सांस्कृतिक भवन जैसे कई विकल्प सुझाए गए, परन्तु पालिका प्रशासन अपने फैसले पर अड़ा रहा। इसलिए खिलाड़ियों ने विरोध की ठानी।

फतेह मैदान में एकत्र खिलाड़ियों ने भागवत शरण सिंह के साथ फेसबुक लाइव के जरिए अपनी बातें रखीं। भागवत ने कहा, ‘कोरोना संक्रमण के काल में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए खेलकूद आवश्यक है। खैरागढ़ के ऐतिहासिक फतेह मैदान में सुबह और शाम लगभग 300 से ज्यादा खिलाड़ी क्रिकेट, फुटबॉल आदि खेलते हैं।’

‘खैरागढ़ के पास एक ही खेल मैदान है। इसके बावजूद यहां से 10 से 12 नेशनल लेवल के खिलाड़ी निकल चुके हैं। हमें खैरागढ़ एक ही चश्मे से देखे कि हम खेल प्रेमी हैं और खेल को समय देने वाले हैं।’

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भागवत ने पूर्व खिलाड़ियों के नाम गिनाए, जिसमें स्व. घनश्याम बहादुर सिंह और स्व. रत्नेश सिंह को भी याद किया। इन लोगों ने दंतेश्वरी स्पोर्टिंग क्लब जैसे संस्था की नींव रखी, लेकिन दुर्भाग्य है कि नगर पालिका प्रशासन इस मैदान में ही पटाखा दुकान लगाना चाह रहा है।

भागवत ने कहा कि प्रशासन तंत्र के साथ खिलाड़ी कैसे लड़ेंगे। लड़ तो नहीं सकते लेकिन अपनी बात रख रहे हैं और एक फैसला हम सभी ने मिलकर लिया है कि हममें से कोई भी मैदान में लगनेे वाली दुकानों से पटाखा नहीं लेंगे। राजाओं ने शहर के बीच खेल मैदान खेलने के लिए दिया था, दुकान लगाने के लिए नहीं। उम्मीद है कि बात को समझने का प्रयास करेंगे।

लाल शौर्यादित्य सिंह ने कहा कि यह तानाशाही रवैया है। मैं और मेरा पूरा परिवार यहां से पटाखा नहीं लेंगे। कमलेश रंगलानी ने सवाल दागा। पूछा कि एक तरफ प्रशासन सुरक्षा का हवाला देकर मंगल भवन के पास पटाखा दुकान नहीं लगा रहा, लेकिन मैदान में दुकान लगाने के बावजूद एक तरफ खेलने की अनुमति दे रहा है, ये कैसा फैसला है?

मारुति शास्त्री का कहना है कि शुरु से विरोध किया जा रहा है, लेकिन हर बार आश्वासन मिलता है। इस बार भी यही बोला जा रहा है, किन्तु हम बहकावे में नहीं आने वाले। मैदान का उपयोग खेल और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए ही होना चाहिए।

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इससे पहले सीएमओ सीमा बख्शी ने बताया था कि एसडीओपी ने मंगल भवन के पास पटाखा दुकान लगाने को सुरक्षा की दृष्टि से अनुचित बताया है। इसलिए फतेह मैदान में ही दुकानें लगेंगी।

इधर एसडीओपी जीसी पति का कहना है कि मंगल भवन के आसपास रिहायशी इलाका है। पालिका ने पूछा तो हमने कह दिया, उचित नहीं है। फतेह मैदान के लिए उन्होंने नहीं पूछा। वैसे भी पटाखा दुकान के लिए स्थल चयन करना पालिका पर है।

 

वीडियो देखिए और जानिए मैदान में इकट्‌ठा होकर खिलाड़ियों ने ऐसे किया विरोध

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