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Khairagarh: जल आवर्धन पर भ्रष्टाचार की आंच, खामी खंगाल रहे पांच, मैडम बोलीं... जारी है जांच

दस्तावेज लेकर पहुंचे खैरागढ़ नगर पालिका के उपाध्यक्ष रामाधार रजक और पार्षद शेष नारायण यादव ने रखी पूरी बात।

खैरागढ़. जल आवर्धन योजना में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। बताया गया कि गुरुवार (3 सितंबर) को पांच सदस्यीय टीम के सामने नगर पालिका उपाध्यक्ष रामाधार रजक और शेष नारायण यादव ने दस्तावेजी प्रमाण पेश किए। Corona के साथ चाहिए Corruption का टीका भी!

रामाधार ने बताया कि हमने अपनी बात पत्र के माध्यम से रख दी है, उसी बिंदू में जांच होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने एक-एक कर सारे खुलासे किए। बताया कि पाइप लाइन बिछाते समय रेत-मुरुम डाला ही नहीं गया है। निरीक्षण करने पर हरेक दल के पार्षद ने यही बात कही।

उपाध्यक्ष ने जांच टीम के सदस्यों से कहा कि जिस जोन में पाइप लाइन बिछाने की बिलिंग हुई है, वहीं की जांच होनी चाहिए। रामाधार ने कहा कि जोन को लेकर पार्षद भ्रमित हैं। कोई नहीं जानता कि किस जोन में कौन सा वार्ड आ रहा है। ये जानकारियां पार्षदों से छिपाई जा रही हैं। Corruption की होगी जांच: SDM सहित पांच अधिकारी पाइप लाइन में ढूंढेंगे रेत-मुरुम ...

सात जोन में 14 किमी में मुरुम डाला गया बताए हैं तो सीएमओ और सब इंजीनियर ही बता सकते हैं कि कहां डाले हैं, क्योंकि किसी भी वार्ड पार्षद ने ठेकेदार को मुरुम डालते हुए नहीं देखा है। इस बारे में एसडीएम निष्ठा पांडेय तिवारी का कहना है कि फिलहाल जांच जारी है।

एसडीओ की जगह शामिल हुए सब इंजीनियर

बताया गया कि जांच टीम में एसडीएम तिवारी के अलावा नायब तहसीलदार हलेश्वर नाथ खूंटे, अनुविभागीय अधिकारी पीएचई, पीडब्ल्यूडी और उपकोषालय अधिकारी को शामिल किया गया था। पीएचई के एसडीओ की तबियत बिगडऩे की वजह से वहां के सबइंजीनियर को टीम में लिया गया है। 

यहां पढ़ें: 32 करोड़ के जल आवर्धन योजना में हुए भ्रष्टाचार का पूरा मामला

जिम्मेदारों से पूछिए ये सवाल...

0 रेत-मुरुम डाला ही नहीं तो भुगतान कैसे कर दिया?

0 एमबी रिकॉर्ड में रेत-मुरुम वाले स्थान का उल्लेख क्यों नहीं किया?

0 जल शोधन संयंत्र के लिए चयनित स्थान का विवाद क्या है?

0 संयंत्र वाली जमीन का विवाद सुलझाने से पहले पाइप लाइन बिछाने की हड़बड़ी क्यों की गई?

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Last modified on Saturday, 05 September 2020 17:05

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