Khairagarh: 32 करोड़ की जल आवर्धन योजना में घटिया काम कर 40% से ज्यादा कमा रहा ठेकेदार।
खैरागढ़. नगर पालिका में उपाध्यक्ष और सभापति के साथ भाजपा-कांग्रेस के पार्षदों ने विरोध किया तो जल आवर्धन योजना में भ्रष्टाचार (Corruption) की परतें खुलने लगीं। तकरीबन 32 करोड़ की योजना में मनमानी पर जिम्मेदार अफसर मुहर लगा रहे हैं और ठेकेदार घटिया काम कर 40 फीसदी से भी ज्यादा कमा रहा है। सब इंजीनियर किशोर ठाकुर का कहना है कि पाइप लाइन बिछाते समय कंडीशन देखकर रेत-मुरुम डाली गई है, उसी का भुगतान हुआ है। Also read : नगर पााालिका केे नेेता प्रतिपक्ष कोठले की कंपनी ने भजिया बेेचने वाले से ठगे 14 लाख
हालांकि एमबी (मेजरमेंट बुक) में ऐसे स्थानों का उल्लेख कहीं नहीं है। इसलिए आम आदमी के साथ पार्षद भी इसे नहीं समझ पा रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये कि इस पूरे काम का ठेका 40 फीसदी एबव में मेसर्स मनीष पाइप रायपुर को दिया गया है। यानी घटिया काम करने के बाद भी निकलने वाले बिल से वह 40 फीसदी से भी ज्यादा कमा रहा है। पार्षदों का आरोप है कि Cement Road तोड़ने, Soft Rock निकालने से लेकर फाउंडेशन गहरा करने के नाम पर हरेक बात में राशि का उल्लेख है, लेकिन रेत-मुरुम कहां-कहां डाली गई, इसकी जानकारी रिकॉर्ड में छिपाई गई है। इसी से गड़बड़ी का पता चलता है।
सीमेंट रोड तोड़ने के लिए 19 और साफ्ट रॉक के नौ लाख
दस्तावेजों के अनुसार पार्षदों ने बताया कि सीमेंट रोड तोडऩे के लिए ठेकेदार को 1104 प्रति क्यूबिक मीटर के हिसाब से कुल 1723 क्यूबिक मीटर के 19 लाख 2724 रुपए दिए गए हैं। इसी तरह साफ्ट रॉक तोडऩे के लिए 334 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर के एवज में कुल 2693 क्यूबिक मीटर के 9 लाख 32 हजार 998 रुपए का भुगतान किया गया है। फाउंडेशन गहरा करने के लिए 14 लाख 23 हजार 44 रुपए दिए गए हैं।
पाइप की लंबाई को लेकर भी आशंका
पार्षदों ने सचिव को लिखे पत्र में गड़बड़ी की आशंका जताकर जांच की मांग की है। इसमें कहा गया है कि मुुरुम रेत का उपयोग किए बिना 1883 क्यूबिक मीटर मात्रा बताकर 11 लाख 67 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। उपाध्यक्ष रामाधार रजक का कहना है कि एमबी रिकॉर्ड में स्थानों का जिक्र नहीं होने से अब पाइप की लंबाई को लेकर भी संशय है।
कागजी शिकायतों के बीच धरी न रह जाए क्वालिटी
उपाध्यक्ष, सभापति के साथ सभी पार्षद गुणवत्ताहीन काम का आरोप लगा रहे हैं और अफसरों का कहना है कि काम सही हो रहा है। इससे पहले भी रोड-नाली और सौंदर्यीकरण के कई मामले कागजों में दबे रह गए। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। कुछ दिन हल्ला मचा फिर अचानक खामोशी छा गई। पूछने पर जांच का हवाला दिया जाएगा और मोटी फाइल तैयार कर ली जाएगी।
उपाध्यक्ष, सभापति और पार्षद चाहें तो ले सकते हैं एक्शन
0 उपाध्यक्ष, सभापति और पार्षद चाहें तो दस्तावेजों के आधार पर सीएमओ और सब इंजीनियर के साथ मौके पर जांच कर सकते हैं।
0 पांच से दस चुनिंदा जगहों पर गड्ढा खोदवाकर हकीकत परखी जा सकती है। देखा जा सकता है कि मुरुम-रेत डाली गई है या नहीं।
0 प्रमाणिकता के लिए इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो भी बनाया जा सकता है ताकि सबूत के तौर पर इसे आगे की कार्रवाई के लिए सुरक्षित भी रखा जा सकता है।
0 अगर दस्तावेजों के अनुसार काम नहीं हुआ है तो सक्षम अधिकारी ठेकेदार पर विधिवत कार्रवाई कर सकता है।
इसमें तो आपत्ति नहीं होनी चाहिए
उपाध्यक्ष रामाधार रजक का कहना है कि एमबी में स्थानों का उल्लेख नहीं है, लेकिन सब इंजीनियर ठाकुर कंडीशन देखकर मुरुम-रेत की फिलिंग होने की बात कह रहे हैं। मंगलवार को सीएमओ व सबइंजीनियर के साथ मौके पर जाकर जांच किया जा सकता है। इसमें किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
मॉनिटरिंग करना मेरी भी जिम्मेदारी
सभापति मनराखन देवांगन कह रहे हैं कि काम में गुणवत्ता को लेकर सभी पार्षद सशंकित हैं। सभापति होने के नाते मेरी भी ये जिम्मेदारी है कि मैं सरकारी योजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करुं। अगर मेरे सहित नगर पालिका के सभी पार्षदों को आपत्ति है तो अधिकारियों को इसका निराकरण करना चाहिए। सीएमओ व सबइंजीनियर भी यही चाहेंगे कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।
ठाकुर बोले- मैं भी तैयार हूं
सब इंजीनियर किशोर ठाकुर का कहना है कि मौका निरीक्षण के लिए वे भी तैयार हैं। उन्हें किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है। वे इससे पहले भी कह चुके हैं कि कंडीशन देखकर रेत-मुरुम की फिलिंग की गई है। उसी के अनुसार ठेकेदार को भुगतान किया गया है। Also read : नगर पााालिका केे नेेता प्रतिपक्ष कोठले की कंपनी ने भजिया बेेचने वाले से ठगे 14 लाख