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खैरागढ़ (Khairagarh) के निर्मल त्रिवेणी महाभियान (NTM) से मिली प्रेरणा, छुईखदान के मुक्तिधाम को संवारने में जुटी जय जगन्नाथ (Jagannath) समिति की टीम।
खैरागढ़. ‘तुम्हें अंदर से सीखना है सबकुछ। तुम्हें कोई नहीं पढ़ा सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। अगर यह सब कोई सिखा सकता है तो यह केवल तुम्हारी आत्मा है।’ यह विचार थे स्वामी विवेकानंद के।
छुईखदान के युवाओं ने भी अंतरात्मा की आवाज सुनी- ‘उठो!! जागो!! तुम कर सकते हो। पेड़ लगा सकते हो। पर्यावरण को बचा सकते हो। ताजी आबो हवा का लुत्फ उठा सकते हो। वातावरण को शुद्ध बना सकते हो। नगर को संवारना भी तुम्हारे ही हाथों में है। यही तो कर रही है, निर्मल त्रिवेणी महाभियान की टीम।’
इस आवाज ने जय जगन्नाथ (Jagannath) सेवा समिति की टीम को झकझोर कर रख दिया। सभी सदस्य जुटे और निर्मल त्रिवेणी महाभियान खैरागढ़ के उद्देश्यों को आत्मसात किया। उनके कामों का बारीकी से अध्ययन कर प्रथम चरण में मुक्तिधाम को संवारने का बीड़ा उठा लिया।
खुद टीम के सदस्य संजीव दुबे इस बात को स्वीकारते हैं कि उनकी टीम निर्मल त्रिवेणी महाभियान का ही अंश है, सिर्फ नगर बदल गया है। हम 13 किमी दूर हैं, लेकिन उनकी सकारात्मक ऊर्जा अपने भीतर अनुभव कर रहे हैं। एनटीएम (NTM) के संयोजक भागवत शरण सिंह से बात करने के बाद पिछले सप्ताह मुक्तिधाम में सफाई अभियान की शुरुआत हुई।
जय जगन्नाथ सेवा समिति के सदस्य सुदीप श्रीवास्तव ने जेसीबी लगाकर भूमि का समतलीकरण किया। अब वहां पेड़ लगाने के लिए गड्ढे किए जाएंगे और उस परिसर को स्मृत वन के रूप में विकसित किया जाएगा, जैसा कि खैरागढ़ में हो रहा है। दुबे ने बताया कि वहां ज्यादातर कदम्ब के पेड़ लगाए जाएंगे।
पेंटर बख्शी ने उठाया पेंटिंग का बीड़ा
काम शुरू होते ही सदस्यों ने जिम्मेदारी बांट ली। किसी ने पौधों की सुरक्षा का बीड़ा उठाया तो किसी ने सिंचाई व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल ली। रोज दो से तीन घंटे श्रमदान के लिए सुनिश्चित किए गए हैं। इस बीच छुईखदान में पेंटर बख्शी के नाम से जाने जाने वाले नीतेश बख्शी ने पेंटिंग वाल पेंटिंग कर सहयोग की इच्छा जताई, जिसे सहर्ष स्वीकार किया गया।
रथयात्रा में करते थे भंडारे का आयोजन
संजीव दुबे ने बताया कि पिछले तीन साल से उनकी समिति रथयात्रा के दौरान भंडारे का आयोजन करती आ रही थी। कोरोना की वजह से इस साल आयोजन नहीं कर पाए, किन्तु भगवान ने सही रास्ता दिखा दिया है। अब मंदिर समितियां भी परिसर में वृक्षारोपण का प्रस्ताव रख रही हैं। इस पर भी विचार किया जा रहा है। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बाद वहां भी पौधे लगाए जाएंगे। Also read: New Feature: Facebook पर आप भी पैदा करें अपना एनिमेटेड ‘अवतार’
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