खैरागढ़. Corona पैर पसार रहा है, लेकिन Creators (रचनाकारों) को रोक नहीं पा रहा। वे प्रकृति (Nature) को सहजने और संवारने में जुटे हैं। उत्साह में निरंतरता बरकार है। ऊर्जा के नए-नए स्रोत तलाश रहे हैं। ये और कोई नहीं निर्मल त्रिवेणी महाभियान खैरागढ़ (Nirmal Triveni Mahabhiyan Khairagarh) की टीम ही है, जो Corona Worriers को प्रकृति (Nature) के जरिए अपनों की यादें सजाने का अवसर देने जा रही है। Corona के खिलाफ लड़ने वाले डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी और स्वयं सेवी संस्थाओं के सदस्य अपनों की याद में पौधे रोपेंगे, जिसे स्मृति वन का नाम दिया जाएगा।
यह स्मृति वन पीडब्ल्यूडी (PWD) रेस्ट हाउस के पास बनेगा। इसके लिए गड्ढे तैयार किए जा रहे हैं। केवल यही नहीं स्मृति वन बनाने के अलावा निर्मल त्रिवेणी महाभियान (Nirmal Triveni Mahabhiyan) की टीम खैरागढ़ (Khairagarh) के विभिन्न स्थानों पर लगभग 5000 पौधे रोपने की तैयारी में है। इसके लिए जगह की तलाश कर वहां गड्ढे तैयार किए जा रहे हैं।
उपयोग के लिए तैयार हैं औषधीय पौधे
निर्मल त्रिवेणी महाभियान की टीम ने पिछले साल बारिश से पहले संगीत विश्वविद्यालय कैम्पस-2 के सामने औषधीय पौधे लगाए थे, जिसे औषधीय उद्यान का नाम दिया। आज वहां गिलोय, एलोवेरा, निर्गुण्डी, अश्वगंधा, पत्थरचट्टा जैसे पौधे तैयार हैं, जिसे सार्वजनिक उपयोग के लिए खोल दिया गया है। इसी तरह राजा लाल बहादुर क्लब के सामने उल्लास परिसर, रेस्ट हाउस के सामने एक पौधा दोस्ती के नाम और मंगल भवन के पास फुलवारी भी लगभग तैयार है। Also read: Indian Railways: अब एक कॉल से कैंसिल कराएं अपना टिकट, मिलेगा रिफंड भी
मुक्तिधाम के काम से परखिए इनका संकल्प
लालपुर मुक्तिधाम में चल रहे काम से निर्मल त्रिवेणी अभियान का संकल्प परखा जा सकता है। अब तक 14 माह से रोज सुबह दो घंटे ही श्रमदान किया जा रहा था, परंतु मुक्तिधाम को संवारने के लिए श्रम और समय का दान करने वाले पेशेवरों ने मिसाल पेश की है। वहां न केवल पौधे लगाए जा रहे हैं बल्कि पूरे परिसर को गार्डन का रूप दिया जा रहा है। यहां के रचनाकारों (Creators) की रचनात्मकता (Creation) को देखकर ही लोग गदगद हो रहे हैं।
जागरुक करने पटि्टयों में लिखे जा रहे संदेश
निर्मल त्रिवेणी महाभियान की टीम लोगों को जागरूक करने के लिए संदेश लिखी पटि्टयां तैयार कर रही है। इसके अलावा तैयार किए गए हर परिसर में एक बोर्ड लगाकर जानकारी दी जा रही है। Also read: Education: 15 साल बाद बदलेगा स्कूलों का Syllabus, सरकार ने NCERT को दिया ये आदेश
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