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खैरागढ़ में राजस्व अमले का कारनामा, सरकार के पैसे से खरीदी जमीन, लेकिन हिसाब-किताब का नहीं रखा ध्यान।
खैरागढ़. सोनेसरार-सरस्वती शिशु मंदिर से एसएच-5 तक बन रहे 36 करोड़ के बायपास प्रोजेक्ट के लिए अर्जित की गई जमीन को लेकर बड़ा गोलमाल सामने आया है। राजस्व विभाग के नक्शे से दो प्लाट गायब हैं। इसमें से एक का खसरा विवरण में जिक्र तो है, लेकिन छत्तीसगढ़ शासन के नाम इसकी रजिस्ट्री नहीं हुई है और मौके से इस जमीन का टुकड़ा भी गायब है। वहीं दूसरे प्लाट की रजिस्ट्री होने के बाद 36 लाख 36 हजार का मुआवजा दिया जा चुका है, जिसका नक्शे में उल्लेख ही नहीं।
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मामले का खुलासा हुआ तब हुआ जब अर्जित भूमि पर कब्जे के लिए दो लोगों के बीच विवाद छिड़ा। पता चला कि पांडादाह रोड पर अमलीडीह खुर्द में वेल्डिंग का काम करने वाले चुम्मन पिता बहल पटेल की तकरीबन 7 डिसमिल जमीन का सरकार ने अर्जन किया है। इसके एवज में चुम्मन ने सरकार से 36 लाख 36 हजार रुपए मुआवजे के तौर पर प्राप्त भी किए हैं। अब चुम्मन का कहना है कि जो जमीन उसने सरकार को बेची है, उस पर संजय पिता धनराज गिरी गोस्वामी ने कब्जा कर लिया है।
पड़ताल के बाद पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया। भुइयां व भू-नक्शा से दस्तावेजों का मिलान करने पर नई जानकारी सामने आई। चुम्मन के दस्तावेजों में उसने खसरा नंबर 105/6 वाली 7 डिसमिल जमीन सरकार को बेची है। भुइयां में यह खसरा नंबर अंकित है, लेकिन भू-नक्शे से पूरा गायब है।
नक्शे में देखिए न 105/4 और 105/6 का नामोनिशान है...
मौके पर जिस जमीन पर चुम्मन की दुकान के अवशेष दिखाई दे रहे हैं, वह टुकड़ा खसरा नंबर 105/13 का हिस्सा है। इसी खसरा नंबर में से 3 डिसमिल जमीन संजय गिरी गोस्वामी ने चार लाख 80 हजार रुपए में कुशालचंद पिता हमीरमल से खरीदी है, जिसका नामांतरण बाकी है।
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नक्शे में पूरी 30 डिसमिल के मालिक हैं कुशालचंद
भू-नक्शे से खसरा नंबर 105/13 की रिपोर्ट निकालने पर पता चला कि इसका रकबा 0.120 हेक्टेयर यानी तकरीबन 30 डिसमिल है और यह कुशालचंद पिता हमीरमल के नाम दर्ज है। इसी के बाजू में खसरा नंबर 105/5 अनिल जैन के नाम है। आसपास खसरा नंबर 105/8, 105/9, 105/10, 105/11 आदि का जिक्र है, लेकिन 105/4 और 105/6 का उल्लेख कहीं नहीं है।
गोलमाल में गुम हुई पांच डिसमिल जमीन के मालिक हैं सुविमल
इस पूरे गोलमाल में नक्शे से गायब 105/4 के मालिक सुविमल पिता गजानंद श्रीवास्तव हैं, जिनकी पांच डिसमिल जमीन पर बायपास रोड तो बन रहा है, लेकिन उन्हें मुआवजा अभी तक नहीं मिला। उन्होंने प्रशासन से शिकायत की, लेकिन इसका समाधान नहीं निकला।
नक्शे में नहीं, लेकिन पटवारी ने मौके पर दिखाई जमीन
अमलीपारा खुर्द के पटवारी सीएल जांगड़े के पास मौजूद नक्शे में भी खसरा नंबर 105/4 और 105/6 मौजूद नहीं है। शुक्रवार सुबह जांगड़े ने मौके पर पहुंचकर चुम्मन पटेल की जमीन को चिन्हांकित किया और कहा कि इस पर कोई भी कब्जा नहीं कर सकता, संजय भी नहीं। उन्होंने नक्शे में हुई त्रुटि स्वीकारी, लेकिन खसरा नंबर 105/4 के बारे में स्पष्ट कुछ नहीं कह पाए।
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