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खैरागढ़ के नया टिकरापारा में स्थित 250 साल पुराने राधा-माधव मंदिर का श्रीराम गौ सेवा समिति ने किया है जीर्णोद्धार।
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बसंत पंचमी (16 फरवरी) के दिन निकलेगी शोभायात्रा और 18 फरवरी को होगी प्राण-प्रतिष्ठा।
खैरागढ़. श्रम-सेवा और भक्ति का समागम देखना हो तो नया टिकरापारा आइए। यहां युवाओं ने श्रमदान के जरिए 250 साल पुराने मंदिर का कायाकल्प कर दिया है। अब उसी मंदिर में राधा-कृष्ण की प्रतिमा स्थापित होने जा रही है। प्रतिमा का पूरा खर्च उठाया है संगीत विश्वविद्यालय के रिटायर्ड चौकीदार गैंदलाल यादव ने।
भक्ति की मिसाल ऐसी कि संकल्प पूरा करने 75 वर्षीय गैंदलाल यादव ने 80 हजार रुपए कर्ज लिए और उसे श्रीराम गौ सेवा समिति को सौंप दिया। गैंदलाल का कहना है कि पहले वे भागवत करवाने के इच्छुक थे, फिर कोरोना काल में मंदिर का जीर्णोद्धार होते देखा। बस, तभी से मन में था कि भागवत करवाने की बजाय मूर्ति के लिए राशि दान करुंगा।
गैंदलाल कहते हैं, ‘एक समय ऐसा भी था, जब दो वक्त की रोटी का जुगाड़ बमुश्किल हो पाता था। कर्ज लेकर बच्चों की परवरिश की और प्रापर्टी भी बनाई। ईश्वर ने सारी इच्छाएं पूरी कीं। इसलिए सोचा कि कर्ज लेकर ही सही, मूर्ति की स्थापना मेरे ही द्वारा हो। धीरे-धीरे भगवान ही इसे छूटेंगे।’
आपको बता दें कि गैंदलाल के पास 7 एकड़ जमीन थी, पांच संतानों के बीच इसका बंटवारा हो चुका है और फिलहाल उनके पास एक एकड़ भूमि बची है। इसी में धान, गेहूं, चना आदि की फसलें लेते हैं। इसी से गुजारा चल जाता है। श्रीराम गौ सेवा समिति के सदस्य मारूति शास्त्री ने बताया कि प्रतिमा खरीदी जा चुकी है। बसंत पंचमी से प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू होने वाला है।

लाइब्रेरी जाने वाले रिसर्च स्कॉलरों के प्रिय थे गैंदलाल
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में तीन साल पहले तक लाइब्रेरी जाने वाला हर शख्स सेवानिवृत्त गैंदलाल यादव का लोहा मानता था। रिसर्च स्कॉलरों को पता था कि 44 हजार पुस्तकों के बीच उनके मतलब की किताब निकालने का हुनर किसके पास है। पांच साल पहले नैक टीम की महिला सदस्य बड़ौदा गुजरात से आई डॉ. पारुल शाह ने संगीत की किताब रस कमौदी को लेकर चर्चा की। गैंदलाल ने यह सुनते ही कहा कि एक एडिशन हमारी लाइब्रेरी में है। यह बात खुद तत्कालीन लाइब्रेरियन रमेश पटेल भी नहीं जानते थे। सेवानिवृत्ति के बाद भी गैंदलाल लाइब्रेरी में फ्री सेवा देने पहुंच जाते थे।
टेक्निकल स्कूल से 11वीं पास हैं गैंदलाल
टेक्निकल स्कूल में 11वीं तक पढ़ाई करने वाले गैंदलाल को 1982 में सहायक माली की नौकरी मिली थी। चार साल बाद उन्हें विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी का चौकीदार बना दिया गया। इससे पहले 12-13 साल की उम्र में बड़े पिता जी के साथ जनपद लाइब्रेरी में जाते थे, तभी किताबों से लगाव हो गया था। संगीत विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में पहुंचे तो किताबों से मित्रता गहराई।
नया टिकरापारा में ऐसे होगा प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
16 फरवरी: 1008 कलश यात्रा, वेदी स्थापना, जलाधिवास, अन्नाधिवास।
17 फरवरी: त्रिवेदी स्नान, विधि: गंधादिवास, पुष्पाधिवास, घृताधिवास, धूपादिवास, वस्त्रादिवास, फलाधिवास, शय्याधिवास, शिखर कलश स्थापना।
18 फरवरी: श्रीराधाकृष्ण स्थापना, पूर्णाहुति हवन, कपिला तर्पण, सहस्त्रधारा स्नान।