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सरकार 16 जनवरी से देश में टीकाकरण मुहिम छेड़ने जा रही है। इसमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशिल्ड और भारत बायोटेक के कोवाक्सिन के टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए राज्यों तक वैक्सीन पहुंचाई जा रही है। बुधवार को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यह वैक्सीन पहुंच चुकी है।
Madhya Pradesh: A consignment of Covid-19 vaccine Covishield arrived at Bhopal airport from Serum Institute of India, Pune. pic.twitter.com/JLmkEiV1Ys
— ANI (@ANI) January 13, 2021
हालही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों की बैठक में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को फ्री में टीके लगाए जाने की जानकारी दी थी। यहां लोगों के मन में टीकाकरण को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह कि दो वैक्सीन में से कौन सी अच्छी होगी? इसके बाद क्या वैक्सीन चुनने का अवसर मिलेगा?
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यहां आपको बता दें कि टीकाकरण के समय आपको ऐसा कोई विकल्प नहीं मिलने वाला। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि दुनिया भर के कई देशों में एक से अधिक वैसीन का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन किसी भी लाभार्थी को ऐसा कोई विकल्प नहीं दिया गया है। हालांकि टीकाकरण स्वैच्छिक है।
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार डोजिंग पैटर्न के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि टीके की दो खुराक के बीच 28 दिनों का अंतर हेागा। यह भी बताया गया कि दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद इसका असर शुरू हो जाएगा। नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य डॉ. वीके पॉल और भूषण दोनों ने सुरक्षित व्यवहार बनाए रखने की आवश्यकता पर भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते भारत की कोरोना संक्रमण दर 2 प्रतिशत से कम थी। केवल केरल और महाराष्ट्र में 50,000 से अधिक मामले सामने आए थे।
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कोविशील्ड और कोवाक्सिन, ये दोनों टीके पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और हैदराबाद के भारत बायोटेक द्वारा बनाए जा रहे हैं। तकरीबन दस दिन पहले दवा नियामक ने अपनी सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी डेटा के आधार पर दोनों टीकों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने की घोषणा की थी।
अफसरों का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि स्वीकृत दो टीके टीकों में सबसे सुरक्षित हैं। दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और दुष्प्रभाव नगण्य हैं।