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Free राशन के केंद्र में बिहार, बंगाल के Vote Bank? Featured

मोदी ने 16 मिनट में Free राशन से बिहार के राज का द्वार नीतीश के लिए खोला तो बंगाल में ममता एक कदम और बढ़ गईं।

-जितेंद्र शर्मा

रायपुर। मंगलवार 30 जून को शाम 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के 16 मिनट के संबोधन के राजनीतिक मायने पर ममता की घोषणा ने मुहर लगा दिया है। देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अनलॉक (Unlock) के दौरान लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर नाराजगी जाहिर कर जनता से कहा कि अभी कोरोना वायरस (Corona Virus) से मुक्ति नहीं मिली है, इसलिए पहले जैसे सावधानी की जरूरत है। इसी के साथ उन्होंने देश की 80 करोड़ गरीब जनता को वर्षा काल में होने वाली तकलीफों का जिक्र किया और घोषणा की कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना छठ पूजा यानि नवंबर तक चलेगी और बताया कि एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना पर कई प्रदेशों में काम शुरू हो गया है। पीएम की इस घोषणा में छठ पर्व के नाम पर जोर यह दर्शाता है कि इसका संबंध बिहार से है। ज्ञात रहे कि बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है और अभी वहां NDA की सरकार है जिसके मुखिया नीतीश कुमार हैं। पीएम के संबोधन के ठीक बाद ममता बेनर्जी ने अपने प्रदेश में योजना की अवधि जून 2021 तक बढ़ाकर इसे राजनीतिक मोड़ ही दिया है। Also read:  Corona के बाद चीन के सूअरों में पनप रहा है नया वायरस

जैसे ही मालूम पड़ा कि प्रधानमंत्री देश को संबोधित करने वाले हैं, लोगों को उम्मीद थी कि चीन (China), नेपाल (Nepal) और पाकिस्तान (Pakistan) की सीमाओं पर बढ़ते तनाव पर कोई महत्वपूर्ण जानकारी जनता को देंगे। क्योंकि विपक्ष विशेषकर गलवान घाटी घटना के बाद से सरकार से सवाल कर रहा है। लेकिन मोदी के इस मुद्दे पर मौन का मायने यह निकाला जा सकता है कि वे देश को यह बताना चाहते हैं कि अभी देश के भीतर कोरोना (Corona) महामारी के कारण चले लंबे लॉकडाउन के कारण उपजी समस्याओं से निपटना पहली जरूरत है। तीनों पड़ोसी देशों से विवाद के मुद्दे पर देश की जनता से चर्चा न कर शायद वे यह भी बताना चाह रहे हों कि सीमा पर उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिए सरकार और देश की सेना सक्षम है। इन विवादों का वे देश की आंतरिक व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पडऩे देंगे। Also read: Covid-19 वार्ड में अब Robot Nurse

नजर बिहार के Vote Bank पर

प्रधानमंत्री के पूरे संबोधन का सार वैसे तो कोरोना (Corona) संक्रमण के दौरान देश में उपजी स्थितियों से निपटना रहा है। लेकिन उनके तीन बिंदुओं में से दो के राजनीतिक मायने भी हैं। उन्होंने अपने संबोधन में वर्षा ऋतु में खेती किसानी पर ज्यादा फोकस रहने की बात कहते हुए यह कहा कि इसके साथ ही त्यौहारों का भी देश में माहौल बनने लगता है। और त्यौहारों का यह समय जरूरतें और खर्चे भी बढ़ाता है। इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक यानि नवंबर तक कर दिया जाए। Also read:  Corona के बाद चीन के सूअरों में पनप रहा है नया वायरस

यह घोषणा करने के लिए पीएम केवल नवंबर माह का नाम भी ले सकते थे, पर उन्होंने इसे समझाने के लिए दीवाली और छठ पूजा पर विशेष जोर दिया। यहां गौर करने वाली बात यह है कि 18 नवंबर से नहाय खाय के साथ छठ पूजा शुरू हो रही है और बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया भी इसी बीच संपन्न होने की उम्मीद है। दूसरी तरफ एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना पर काम शुरू हो जाने की जानकारी पीएम ने अपने संबोधन में दी। इसके विस्तार में जाएं तो छठ पूजा यानी विधानसभा चुनाव तक बिहार पहुंचे करीब 25 लाख प्रवासियों के लिए मुफ्त (Free) राशन की व्यवस्था तो सरकार कर रही है और इसके बाद भी यदि वे बाहर जाना चाहते हैं तो बिहार में बने राशन कार्ड से किसी भी प्रदेश में उन्हें राशन आसानी से मिल जाएगा।

नीतीश कुमार की पुन: ताजपोशी की तैयारी

देश की 80 करोड़ जनता को पांच महीने और मुफ्त 5 किलो चावल या गेंहू और 1 किलो चना देने की घोषणा का राजनीतिक कारण बिहार में नीतीश कुमार की पुन: ताजपोशी की मंशा ही दिख रही है। हालांकि फिलहाल बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच ही मुख्य मुकाबला होने की संभावना है। यह बात अलग है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि महागठबंधन और एनडीए में कौन कौन से दल होंगे। फिर भी वर्तमान राजनीतिक हालात के मद्देनजर एनडीए नीतीश कुमार के चेहरे को सामने रखकर ही चुनाव मैदान में उतरेगा। इसमें अभी बीजेपी (BJP), जेडीयू (JDU), और एलजेपी (LJP) मुख्य दल हैं। दूसरी तरफ महागठबंधन में आरजेडी (RJD), कांग्रेस (Congress), वीआईपी (VIP), हम, आरएलएसपी (RLSP)  दल हैं। हालांकि अभी महागठबंधन के दलों में आपस में खींचतान की स्थिति अभी बनी हुई है। राज्य में 2005 से एनडीए ही लगातार सत्ता में हैं। बीच में नीतीश कुमार दो साल के लिए एनडीए से अलग हुए थे।Also read: Covid-19 वार्ड में अब Robot Nurse

मोदी से आगे निकलीं ममता

पीएम मोदी द्वारा फ्री राशन की योजना को नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा के ठीक बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने अपने राज्य में योजना की अवधि जून 2021 तक बढ़ाने की घोषणा कर दी। यहां गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। अब यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री ने बिहार में एनडीए का पक्ष मजबूत बनाने के लिए फ्री राशन की योजना को छठ तक बढ़ाया तो ममता ने उससे आगे निकलकर योजना को जून 2021 तक के लिए अपने प्रदेश में लागू करने की घोषणा कर दी। मतबल यह कि राशन की यह समय सीमा खुद ब खुद चुनावों से जोड़ रही है।

प्रतिक्रियाओं में भी राजनीति प्रेरित

प्रधानमंत्री की घोषणा को कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) ने राजनीति प्रेरित बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम चंद मिश्रा ने कहा कि छठ शब्द का प्रयोग करना साबित करता है कि संबोधन राजनीति प्रेरित था। छठ बिहार का महापर्व है और नवंबर में बिहार में चुनाव है। बिहार की जनता उनके झांसे में नहीं आएगी। राहुल लंबे समय से इस तरह की मांग करते आ रहे हैं। आरजेडी विधायक शक्ति सिंह ने कहा कि Covid-19 को नियंत्रित करने का उपाय तो उनके पास है नहीं। जो लोग जान की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं वे निवाले की बात कर रहे हैं। ये गरीबों के साथ छलावा है। इसके साथ शिवसेना पहले ही आरोप लगा चुकी है कि पीएम मोदी गलवान घाटी में बिहार रेजीमेंट की शहादत को अलग से इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि वहां विधानसभा चुनाव है। हालांकि यह देश का मुद्दा है। वैसे बिहार की जनता को यह तय करना है कि वह पीएम मोदी के इशारों को ठीक से समझ पाती है या नहीं। Also read:  छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं भगवान जगन्नाथ

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Last modified on Wednesday, 01 July 2020 21:37

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