उत्तर प्रदेश : जमातीयों को छुपा के रखने के आरोप में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शाहिद खिलाफ महामारी एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. वहीं, विदेशी नागरिकों को फॉरेनर्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है।
प्रोफेसर पर दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित की गई तबलीगी जमात के लोगों को छुपा कर रखने का आरोप लगा है। इस मामले में प्रोफेसर के साथ-साथ 29 और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है जिसमें से 16 विदेशी नागरिक हैं।
मामले को लेकर प्रयागराज सिटी एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने मीडिया से बातचीत की और कहा : ''20 अप्रैल की रात शाहगंज पुलिस ने इंडोनेशिया के साथ नागरिक सहित 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। करेली पुलिस ने थाईलैंड के 9 नागरिक सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया है, आरोप है कि उन्होंने इंडोनेशियाई लोगों को मस्जिद में ठहरने दिया और उनकी मदद की।''
आपको बताते चलें की उत्तर प्रदेश में कोरोना के 1184 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें 140 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं और अब तक 18 लोगों की मौत हुई है।
मार्च में आयोजित तबलीगी जमात जिसका आयोजन दिल्ली के निजामुद्दीन में किया गया था जहां देश - विदेश से काफी लोग जमा हुए थे इसी बीच मौलाना साद, जो कि इस कार्यक्रम के मुख्य थे काफी चर्चा में है तबलीगी में शामिल होने के बाद लोग निजामुद्दीन में ही फंसे हुए थे, क्योंकि इस दौरान लॉक डाउन हो चुका था। मरकज में शामिल कई लोग कोरोना संक्रमित पाए गए, दर्जन भर से ज्यादा लोग इस वायरस से मारे जा चुके हैं हजार से ज्यादा लोग को आइसोलेशन में रखा गया है मरकज खाली करवा दिया गया है जिसके बाद यहां से निकले कई लोग देश के अलग-अलग जगह में चले गए जिनकी खोज जारी है ताकि उन्हें क्वॉरेंटाइन किया जा सके।
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