
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लगातार मानिटरिंग और समझाइश का असर भी लोगों पर नहीं दिख रहा है। मंगलवार को ब्लाक में कोरोना का छह नए मामले फिर से सामने आए है।
जांच भी कम, नहीं बढ़ रहा दायरा
कोरोना के मामलें में कोरोना जांच भी पहले के मुकाबले कम हो रही है। दूसरी और तीसरी लहर के दौरान लोगों ने कोरोना के प्रति अपनी जवाबदारी समझी थी। सर्दी खांसी बुखार के मामलें सामनें आने पर स्वास्थ्य अमला भी लगातार कोरोना जांच सहित स्वास्थ्य केन्द्रों में जांच अभियान चला रहा था। मौसमी बिमारियों वाले मरीजों की संख्या भी अस्पतालों में बढ़ी है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच से कतरा रहा है तो लोग भी जांच की बजाय दवाई दुकानों से दवाई लेकर खुद ही घर पर इलाज कर रहे है। लापरवाही के मामलों में बढ़ोत्तरी के चलते पिछले पखवाडे़ भर में ही ब्लाक में कोरोना के 20 से अधिक मामलें सामने आ चुके है।
खैरागढ़. ब्लाक में अब एक्टिव मरीजों की संख्या दर्जन भर से अधिक हो गई है। सभी मामले प्रमुख रूप से इसी माह सामने आए है। इसके बाद भी लोग बूस्टर डोज लगवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। वहींकोरोना के नियमों का पालन करने की बजाय खुले में घूम रहे हैं।
लक्षण वाले भी नहीं करा रहे जांच
कोरोना के लक्षण वाले लोग भी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराने की बजाय दवाइयां लेकर खा रहे है। जांच कराने की बजाय लापरवाही बरत रहे है तो दूसरी ओर लक्षण वाले नियमों का पालन करने की बजाय खुले में घुम रहे है। इससे संक्रमण के बढ़ने का खतरा है। इधर सिविल अस्पताल में भी व्यवस्था में बढ़ोत्तरी नही हो पाई है। कोरोना जांच के मामलों में सीधे तौर पर राजनांदगांव के भरोसे काम हो रहा है।
ब्लॉक में फिलहाल 10 एक्टिव मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में जारी है। कोरोना संक्रमण सहित संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लोगों की जांच लगातार की जा रही है।
डॉ. विवेक बिसेन, बीएमओ सिविल अस्पताल खैरागढ़