एक दौर था जब कहा जाता था "न बीवी ना बच्चा, ना बाप बड़ा न मईया, द होल थिंग इज दैट कि भईया सबसे बड़ा रुपईया"
पर आज मौत का डर देखिये, सड़क पर नोट बिखरे पड़े हैं पर उठाने वाला कोई नहीं।
जी हां ऐसा ही कुछ देखने को मिला दिल्ली के के लॉरेंस रोड में। इंडियन एक्सप्रेस में कोरोना वायरस के कारण लोगों के दिलों में दहशत से जुड़ी एक दिलचस्प ख़बर छपी है। मामला दिल्ली के लॉरेंस रोड का हैं जहां घर के बाहर सड़क के किनारे 500 रूपये के कई नोट खुले में पड़े थे लेकिन किसी ने भी इन नोटों को हाथ लगाने के बारे में सोचा तक नहीं।
इलाक़े में रहने वालों ने ये नोट देखे लेकिन उन्हें लगा कि हो सकता है किसी ने कोरोना वायरस फैलाने के उद्देश्य से नोट यहां गिराए हों।
इसके बाद पुलिस को बुलाया गया जिन्होंने सेनिइटिज़ करने के बाद इन नोटों को लिफाफे में भरा और पुलिस स्टेशन चली गई।
अख़बार के अनुसार इस पूरे रहस्य से परदा तब उठा जब एक महिला ने पुलिस को बताया क उसने एटीएम से निकाले इन नोटों को सैनिटाइज़र से धोकर बालकनी में सुखाने के लिए रखा था, और शायद हवा के कारण कुछ नोट नीचे सड़क के किनारे गिर गए।
एक पुलिस अधिकारी ने अख़बार से कहा, "सड़क पर बिखरे नोटों को किसी ने नहीं उठाया. ऐसा लगा जैसे राम राज्य आ गया"
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