छत्तीसगढ : कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा ने कहा कि डॉक्टर रमन सिंह चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह के बयान देते हैं, दरअसल उनमें साहस ही नहीं है की केंद्र सरकार नरेंद्र मोदी से सवाल पूछ सके, छत्तीसगढ़ की जनता द्वारा नकार दिए जाने पर अब वह अप्रसांगिक हो चुके हैं,क्या उनमें साहस नहीं है की नरेंद्र मोदी से सवाल पूछ सकें कि तबलीगी जमात के माध्यम से अगर कोरोना फैल रहा है, तो इसके जिम्मेदार कौन है?
यदि इसके लिए कोई जिम्मेदार है तो वह है नरेंद्र मोदी और केंद्र की सरकार।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने डॉ रमन सिंह को क्रमवार तरीके से जानकारी देते हुए तथ्यों को पेश किया :
- मुंबई महाराष्ट्र में 15 और 16 मार्च को वसई में तबलीगी जमात का कार्यक्रम होने वाला था। पर मौजूदा सरकार ने इजाजत नहीं दी।
- केंद्र की सरकार ने निजामुद्दीन दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम के लिए अनुमति कैसे दे दी? और अगर दी तो रोका क्यों नहीं?
- निजामुद्दीन में स्थित बिल्डिंग जो जमात कार्यक्रम से जुड़ी गतिविधियों में शामिल है उस बिल्डिंग से ठीक जुड़ी हुई पुलिस स्टेशन इसके बावजूद भी रोका क्यों नहीं गया?
- आखिर किसके कहने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रात को 2:00 बजे मौलाना साद से मिलने गए थे डॉ रमन सिंह को इसका जवाब भी देना चाहिए
- आखिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और मौलाना साद के बीच क्या गुफ्तगू हुई?
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के मिलने के बाद भी अगले दिन मौलाना साद कहां फरार हो गए?
- क्या मौलाना साद को किसी का संरक्षण प्राप्त है? आखिर क्यों पुलिस ढूंढने में जानकारी नहीं जुटा पा रहे।
- आज तक जितने तबलीगी जमाती यों को ढूंढा गया वह राज्य सरकार ने ही ढूंढा है।
- सरकार का सहयोग नहीं करने की वजह से तबलीगी समाज से संबंधित 17 लोगों पर कानून द्वारा उचित कार्यवाही की गई है क्या किसी भाजपा शासित राज्य में ऐसी कार्यवाही हुई है?
- अब डॉक्टर रमन सिंह और समस्त भाजपा को यह स्पष्ट करना होगा कि तबलीगी समाज और मौलाना साद के साथ भाजपा का क्या संबंध है?