खैरागढ़. झूठी गवाही देने के आरोप में अपर सत्र न्यायाधीश चंद्र कुमार कश्यप की कोर्ट ने नगरपालिका के 13 कर्मचारियों के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 344 (1) के तहत विधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह सूचना जारी किया जाए कि क्यों न उन्हें न्यायालय में मिथ्या साक्ष्य देने के लिए संक्षेपतः विचारित कर दण्डित किया जाए। हालांकि उक्त प्रकरण में कोर्ट ने आरोपी उत्तम लोहार 35 वर्ष व राजेंद्र अग्रवाल पिता किशुन अग्रवाल उम्र 57 वर्ष को धारा 294,186,436/34 भारतीय दंड संहिता के आरोप में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रकरण में साक्षी रहे नगरपालिका के तत्कालीन कर्मचारी नीलकंठ,कुलदीप झा,राहुल द्विवेदी,नरेश वर्मा, उत्कर्ष यदु,गौरव केशरवानी,मनोज कुमार शुक्ला,शोभा यादव,लेखराज श्रीवास, प्रदीप अग्रवाल,किशोर ठाकुर,विजय भट्ट,नरेंद्र कुमार को पक्ष द्रोही होने और अभियोजन का समर्थन न किए जाने के आधार पर विधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए कहा है।
लोक सेवकों के लिए नियमों का पालन करना आवश्यक
आदेश पारित करते हुए कोर्ट ने कहा कि लोक सेवक का तात्पर्य नागरिकों के जीवन को सुगम,सुरक्षित व समृद्ध बनाने के उदेश्य से शासकीय सेवा में कार्यरत कर्मचारियों से है। लोक सेवकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कार्य को प्रभावी ढंग से या जिम्मेदारी पूर्वक निभा सकें। उनके द्वारा कानूनी या प्रशासनिक नियमों का पालन करना आवश्यक है। किंतु प्रकरण साक्ष्य से दर्शित होता है कि नगरपालिका परिषद कार्यालय खैरागढ़ में कार्यरत कुछ साक्षीगण घटना के दौरान लंच पर गए हुए थे या कार्यालय से नदारद थे। जबकि किसी भी कार्यालय में लंच का समय 3 बजे के बाद नहीं है। कोर्ट ने निर्णय की प्रति यथोचित कार्यवाही हेतु कलेक्टर, खैरागढ़ - छुईखदान - गंडई व मुख्य नगरपालिका परिषद को प्रेषित करने निर्देशित किया है।
ऐसा था मामला
मामले में आरोपी उत्तम लोहार और राजेंद्र अग्रवाल के पर आरोप था कि 1 अक्टूबर 2019 को दोपहर लगभग 3:40 बजे नगर पालिका परिषद कार्यालय जैसे सार्वजनिक स्थान में अश्लील शब्द उच्चारित कर शासकीय संपत्ति को आग लगाए। जिस पर तत्कालीन लेखापाल कुलदीप झा ने थाना खैरागढ़ में सीएमओ की ओर शिकायत दर्ज कराया। जिसमें पालिका के कर्मचारियों को साक्षी बनाया गया था।