करीबी मुकाबले में शीतल जैन को 616 वोटों से हराया
खैरागढ़. जिले की मुख्य धारा की राजनीति में एक बार फिर राजपरिवारों की वापसी हो चुकी है। छुईखदान नगर पंचायत में चुनाव के ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले गिरिराज किशोर दास की पत्नि नम्रता देवी ने जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष नवनीत जैन की पत्नि शीतल जैन को करीबी मुकाबले में 616 वोट के अंतर पराजित किया। नम्रता देवी को 2732 और शीतल जैन को 2116 वोट मिले। वहीं भाजपा पार्षदों के मामले में भी कांग्रेस से 1 सीट से पिछड़ गई। कांग्रेस के 8 व भाजपा के 7 पार्षद प्रत्याशियों को जीत मिली।
कम अंतर से मिली जीत
वार्ड क्रमांक 01 कांग्रेस के प्रकाश महोबिया ने भाजपा के कौशल चंदेल को 27 वोटों से पराजित किया। प्रकाश महोबिया को 129 व कौशल चंदेल को 102 वोट मिले। वार्ड क्रमांक 02 में कांग्रेस की निशा डीके नामदेव ने भाजपा की किरण निशांत वैष्णव को 09 वोट से हराया। निशा को 84 व किरण को 75 वोट मिले। वार्ड क्रमांक 03 में भाजपा के पन्ना मंडावी ने कॉंग्रेस के देवेंद्र नेताम को 12 वोट से हराया। पन्ना मंडावी को 205 व देवेंद्र नेताम को 193 वोट मिले।
शैव्या जीती,इमरान हारे
वार्ड क्रमांक 04 में भाजपा के उमाकांत महोबिया ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए इमरान भाई को 89 वोट से हराया। यहाँ उमाकांत को 233 व इमरान को 144 वोट मिले। वार्ड क्रमांक 05 में रुपबाला महोबिया ने सुषमा सुरेंद्र चंद्रवंशी को 83 वोट से हराया। वार्ड क्रमांक 06 में निधि तिवारी ने प्रेम बाई सुभाष जैन को 2 वोट से करीबी मुकाबले में हराया। वार्ड क्रमांक 07 में चुनाव से पहले गिरिराज के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाली शैव्या वैष्णव ने मनीषा महोबिया को 12 वोट से हराया। यहाँ शैव्या को 166 व मनीषा को 154 वोट मिले।
अनुभा की जीत बरकरार
वार्ड क्रमांक 08 में भाजपा की अनुभा जैन ने मथुरा अशोक यादव को 50 वोट से हराया। यहाँ अनुभा को 112,मथुरा अशोक यादव को 62 व मथुरा सुरेश यादव को 43 वोट मिले। वार्ड क्रमांक 09 में पंचमराम साहू ने विनोद प्रसाद तिवारी को 01 वोट से हराया। यहाँ पंचमराम को 101 व विनोद तिवारी को 100 वोट मिले। वार्ड क्रमांक 10 में भाजपा के मनीष कोचर ने कॉंग्रेस के श्रीकांत महोबिया को 92 वोट से हराया। मनीष को 191 व श्रीकांत को 99 वोट मिले। वार्ड क्रमांक 11 में चंद्रेश कुंभकार ने मोहन कुंभकार को 150 वोट से हराया। चंद्रेश को 276 व मोहन को 126 वोट मिले। वार्ड क्रमांक 12 में धनेंद्र देवांगन ने शैलेश देवांगन को 5 वोट से हराया। धनेंद्र को 200 और शैलेष को 195 वोट मिला। वार्ड क्रमांक 13 में महेश नारकर ने मोहनलाल कामड़े को 12 वोट से हराया। महेश को 135 मोहनलाल को 123 वोट मिले। वार्ड क्रमांक 14 में प्रेम सिंह पाल ने सुखीराम पाल को 15 वोट से हराया। यहाँ प्रेम सिंह को 116 व सुखीराम को 101 वोट मिला। वार्ड क्रमांक 15 में भाजपा नेता ज्ञान सिंह यादव को करारी हार का सामना करना पड़ा। यहाँ संजू नेताम को 251 और ज्ञान यादव को 137 वोट मिले। 114 वोट से हार का मुंह देखना पड़ा।
कमज़ोर रणनीति,संगठन की गैर मौजूदगी से मिली शिकश्त
पूरे चुनाव में जहां कॉंग्रेस एकजुट होकर लड़ी तो दूसरी ओर भाजपा विखंडित होकर लड़ी। कॉंग्रेस में गिरिराज ने महल से तो उनके छोटे भाई देवराज ने कांग्रेस कार्यालय से चुनाव का संचालन किया। इधर,भाजपा में ज्यादातर भाजपाई घर बैठे रहे और कुछ ने गिरिराज के साथ दिया। पूरे चुनाव से भाजपा संगठन नदारद रहा। जिला स्तर के किसी भी भाजपा नेता ने वार्ड व बूथ स्तर पर न बैठकें ली। न नुक्कड़ सभाएं की। जिसकी वजह से पार्टी को करारी शिकश्त का सामना करना पड़ा।