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खैरागढ़ की सियासत करवट ले रही है। सियासी गतिविधियों पर नजर डालें, सारा माजरा स्पष्ट हो जाएगा। बैठक रद्द कराना सिर्फ बहाना था, असल बात कुछ और ही है। पुराने ‘पारखी’ को परिषद में बिठाना भी एक नमूना मात्र है। उनकी पंडिताई देखिए, काफिले से इतर प्रतिनिधि चुनकर नई लाइन बना दी। बता दिया कि अब नई सूची भी बनेगी। 'वफादार' छांटे जाएंगे। 'ईमानदारों' के लिए जगह बनाई जाएगी। Also read: 32 करोड़ की योजना को लेकर छाई खामोशी, फतेह मैदान की दुर्दशा पर गूंजी विनय की आवाज
‘पारखी’ बेहद अनुभवी हैं। भगवा गमछे पर गुलाबी रंग के हल्के छींटे भी उनकी नज़रों से छिप नहीं पाएंगे। सम्भव है ‘कमल’ के पुजारी चिन्हित किए जाएं! सोमवार को हुई नगर पालिका परिषद की बैठक में किया गया परफॉर्मेंस भी एक पैमाना हो सकता है! जनहित के मुद्दों पर मुखर होने वालों की आस बंधेगी। इसके विपरीत खामोश रहने वालों की शामत आई समझो! ठीक चुनाव से पहले जनहित के मामलों में जनप्रतिनिधियों की चुप्पी किसी भी नेतृत्व को नागवार गुजरेगी। खास तौर पर उन्हें जिन्होंने खुद मौके पर जाकर हिसाब मांगा हो। काम बंद कराने की चेतावनी दी हो।
वैसे ‘पंडित जी’ के मंत्र से भाजपा का दूसरा खेमा जीवंत हो उठा है। इसमें भी कोई गहरा राज है। नगर पालिका चुनाव की नजदीकी के साथ संभवत: इससे भी पर्दा उठेगा। फिलहाल पार्षद टिकट के लिए खुली दूसरी खिडक़ी साफ तौर पर दिखाई दे रही है। संगठन में ‘पंडित जी’ की पैंठ गहरी है। प्रवास पर पधारे सरसंघचालक से मुलाकात करने वाले दो लोगों में से एक होना इसे प्रमाणित करता है। 'पंडित जी' की टीम में पूर्व विधायक शामिल हैं। 'सरदार' का स्थान भी सुरक्षित होना चाहिए! भगवा ध्वज फहराते समय तो साथ ही दिखे थे! वैसे भी सामंजस्य में ही समझदारी है, वर्ना द्वंद के हालात बनेंगे। Also read: 32 करोड़ की योजना को लेकर छाई खामोशी, फतेह मैदान की दुर्दशा पर गूंजी विनय की आवाज
‘पंडित जी’ के पंच बाद भाजपा की खेमेबाजी को विरोधी भांप चुके हैं। सभापति के बयान में इसकी बानगी देखने को मिली। भई, कुर्सी दौड़ जीतने के लिए भ्रम तोडऩा भी तो जरूरी था। गुटबाजी से कांग्रेस पार्टी भी अछूती नहीं है। ‘शेडो’ को संगठन में अपने सुख-दुख के साथी चाहिए, जबकि ‘राजा साहब’ का नियंत्रण जग जाहिर है। ऐन चुनाव के समय वह इसे खोने का रिस्क नहीं उठाएंगे। इसलिए संभावना यही है कि उनके चहेतों में से कोई एक ही पार्टी की कमान संभाले! इसमें ‘होनहार’ का वजन औरों से ज़रा ज्यादा दिखाई दे रहा है।Khairagarh: 32 करोड़ की योजना को लेकर छाई खामोशी, फतेह मैदान की दुर्दशा पर गूंजी विनय की आवाज