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Khairagarh Politics: इलेक्शन के साइड इफ़ेक्ट Featured

तकरीबन तीन माह बाद Khairagarh में होने जा रहे नगर पालिका चुनाव का असर अभी से दिखने लगा है। भाजपा के 'सरदार' के निशाने पर 'सरकार' है/हैं। कांग्रेस के 'ईमानदारों' को 'वफादारों' ने घेर रखा है। रही बात पालिका की तो वहां जनहित के मुद्दों पर सियासी खेल जारी है।

सब समझ गए 'सरदार' का इशारा

'कबीला' तहस-नहस होता देख 'सरदार' से रहा नहीं गया। काफिले के साथ वह विरोध करने पहुंचे। नेताओं के पदनाम लेकर प्रभावित वार्डों में पार्टी का वर्चस्व बताने की कोशिश की। 'पर' कतरन (परिसीमन) का असल गणित समझाया। 'सरदार' की काबिलियत देखिए, नाम नहीं लिया लेकिन कहानी पूरी सुना दी। यानी कांग्रेसियों के अलावा वह भी जान चुके हैं कि अब कांग्रेस की कमान किसके हाथों में है! विधानसभा चुनाव जैसी स्थिति नहीं रहने वाली। इसलिए खुद को गंजीपारा का रहवासी बताकर अस्तित्व की लड़ाई छेड़ी ताकि लोग जानें उनके जेहन में नगरहित जिंदा है। नाम भले ही ग्रामीण मतदाताओं में शामिल हो, किन्तु नगर में 'सरदार' की जड़ें कमजोर नहीं हुई हैं!! Also read: Vikrant ने कांग्रेस पर साधा निशाना, पूछा...

कांग्रेस में कद बढ़ाने की कवायद

राजनीतिक विज्ञापनों में छोटी-बड़ी तस्वीरों का महत्व बड़ा है। तस्वीरों का क्रम बढ़ते-घटते रसूख का संकेतक है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष के जन्मदिन पर लगे दो अलग-अलग बधाई संदेशों के फ्लैक्स में कद घटाने-बढ़ाने की कवायद दिखाई दे रही है। पहले फ्लैक्स में उनकी तस्वीरें बड़ी हैं, जिन्हें संसदीय सचिव के कार्यक्रम में कुर्सी नहीं मिली। दूसरे में भविष्य के ओहदेदारों का चेहरा उभर रहा है। हालांकि बड़ी तस्वीर केवल रसूख का नहीं निवेशक का भी प्रमाण पत्र है, बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपइया।

ड्रामा किया तो खुल जाएगी सिस्टम की पोल

सांसद की नाराजगी के बाद रद्द हुई बैठक अब 17 अगस्त को होने वाली है। इस दिन उपाध्यक्ष सहित भाजपा पार्षद 32 करोड़ की योजना में हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएंगे। सभापति तो पहले से ही तैयार थे। कहा था- रेत-मुरुम का हिसाब पूछूंगा। कांग्रेसी पार्षद उनके साथ हैं। अफसर जरूर जांच से कतरा रहे। हालांकि सब इंजीनियर ने इनकार कभी नहीं किया। नगर अध्यक्ष पारदर्शिता की पक्षधर होंगी ही। होना भी चाहिए। वह भी नहीं चाहेंगी कि शासन के पैसे का दुरुपयोग हो! सीएमओ के पास भी ईमानदारी साबित करने का मौका है। सम्भवतः सांसद और विधायक के प्रतिनिधि भी वहां मौजूद रहेंगे। अब अगर सियासी ड्रामा कर जांच टालने के बहाने गढ़े गए तो पूरे सिस्टम की रही सही पोल भी खुल जाएगी। Khairagrh की सियासत पर पंडित का पंच

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Last modified on Saturday, 15 August 2020 16:07

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