राजनांदगांव जिले के 151 संकुलों में पहुंचा 80 हजार का फर्नीचर ग्रांट और डीईओ (जिला शिक्षा कार्यालय) ने की खरीदी, भुगतान को लेकर असमंजस में संकुल समन्वयक।
राजनांदगांव. मानपुर के भर्रीटोला संकुल में कुर्सी-टेबल की भरमार है। ऐसे 16 संकुलों में से आठ या नौ में जरूरत ही नहीं थी। इसके बावजूद फर्नीचर भेजे गए। खैरागढ़ और छुईखदान के ऐसे कई संकुलों में कंप्यूटर टेबल भेजे गए, जहां अभी तक कंप्यूटर सिस्टम ही नहीं खरीदा गया है। जिले के 151 संकुलों में से ज्यादातर की स्थिति यही है। अब 33 लाख 69 हजार 407 रुपए के भुगतान को लेकर संकुल समन्वयक असमंजस में हैं। इधर डीईओ से लगातार रिमाइंडर लेटर जारी किया जा रहा है।
कोरोना काल में स्कूलों की पढ़ाई भले ही प्रभावित हो, लेकिन फंड का दुरुपयोग करने में अधिकारी पीछे नहीं। जिले के विभिन्न विकासखंडों में बिना डिमांड के भेजे गए फर्नीचर इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो फर्नीचर खरीदी से पहले संकुलों की जरूरत का ध्यान रखा जाता। उनसे मांग पत्र मांगे जाते।
यह नहीं हुआ, बल्कि डीईओ ने 26 मार्च 2020 को तीन फर्मों को आदेश जारी किया। इसमें मेसर्स संजय साइंटिफिक वर्क्स, मेसर्स सिद्धी इंटरप्राइजेस और मेसर्स गणपति इंटरप्राइजेस को 50-50 संकुलों में फर्नीचर सप्लाई के आदेश दिए।
जानकारी के अनुसार मार्च 2020 में फर्नीचर ग्रांट मद से हरेक संकुल स्रोत केंद्र के लिए 80 हजार रुपए स्वीकृत किए गए थे। संकुलों के खाते में राशि भी आ गई। जाहिर है कि अगर स्वीकृत राशि संकुलों के खाते में आई थी तो फर्नीचर भी उन्हीं को खरीदना था, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। डीईओ (जिला शिक्षा कार्यालय) ने सीएसआईडीसी दर पर फर्नीचर की खरीदी कर बिल संकुलों को भेज दिया।
संकुल समन्वयकों ने अभी तक नहीं किया है भुगतान
संकुल समन्वयक श्री हरि के अनुसार मानपुर के कंदाड़ी, सीतागांव, कोसमी जैसे सात-आठ संकुलों में ही फर्नीचर की आवश्यकता थी। भर्रीटोला में तो 50 चेयर और दो बड़े-बड़े टेबल है। नए फर्नीचरों को मिडिल स्कूल में रखा गया है।
मोहला के संकुल समन्वयक मालेकर मालेश ने बताया कि उनके यहां बड़ा टेबल, कंप्यूटर टेबल, नौ ऑफिस चेयर और एक राउंडिंग चेयर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि संकुल में कंप्यूटर नहीं है।
छुईखदान पेंडरवानी के आरबी साहू ने बताया कि फर्नीचर भेजने से पहले किसी तरह का मांग पत्र नहीं मांगा गया। फर्नीचर भेजने के बाद बिल भेजे हैं। फिलहाल भुगतान बाकी है।
खैरागढ़ विकासखंड के संकुल समन्वयक कमल वर्मा और प्रणय महोबे ने बताया कि उनके संकुलों में भी फर्नीचर पहुंच चुका है, लेकिन भुगतान अभी नहीं किया गया है।
जानिए क्या-क्या खरीदा और कितनी मात्रा में
सामग्री | मात्रा | दर | कुल |
एक्सक्यूटिव टेबल | 50 | 9,084 | 4,54,200 |
ऑफिस टेबल | 100 | 3,823 | 3,82,300 |
केबिनेट प्लेन फुल | 50 | 7,315 | 3,65,750 |
केबिनेट प्लेन स्माल | 50 | 4,046 | 2,02,300 |
एंगल आयरन रैक | 300 | 2,453 | 7,35,900 |
रिवाल्विंग चेयर | 50 | 2,757.89 | 1,37,894.5 |
ऑफिस चेयर | 450 | 1,760 | 7,92,000 |
स्टील स्टूल | 150 | 508.75 | 76,312.5 |
कंप्यूटर चेयर | 50 | 1,980 | 99,000 |
कंप्यूटर प्रिंटर टेबल | 50 | 2475 | 1,23,750 |
कुल | 33,69,407 |
इन चार सवालों के जवाब नहीं दे पाए डीईओ हेतराम साेम
1. संकुलों को 80 हजार रुपए फर्नीचर ग्रांट स्वीकृत हुआ था, लेकिन खरीदी आपके कार्यालय ने की, कारण?
2. जब डीईओ से ही खरीदी होनी थी तो संकुलों के खाते में राशि क्यों भेजी गई?
3. संकुलों से किसी तरह का मांग पत्र नहीं मंगाया गया, इसलिए जहां जरूरत नहीं थी, वहां भी फर्नीचर भेजे गए?
4. ऐसे कई संकुल हैं, जहां कंप्यूटर नहीं, फिर भी कंप्यूटर टेबल भेजे गए, क्यों?