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विधायक ने कहा था- 'बाढ़ नहीं रोक पाएगा बैराज', सच साबित हुआ, जानिए कैसे? Featured

15 साल बाद आई बाढ़ ने खोली कमजोर बैराज की पोल, विधायक देवव्रत सिंह ने जताई थी आशंका, बोले थे- 'बांध बनना था, बना दिया बैराज'

खैरागढ़. तकरीबन 15 साल पहले 2005 में जब खैरागढ़ बाढ़ की चपेट में आया तो कई कार्य योजनाएं बनीं। इनमें सबसे बड़ी योजना थी, प्रधानपाठ बैराज की। कहा गया था कि आमनेर पर 59 करोड़ का बैराज बनने के बाद राहत मिलेगी। इसी के चलते एक-दो साल में ही कार्ययोजना बनाकर काम शुरू किया गया, लेकिन बैराज को बनने में 11 साल लग गए। तीन दिन के बारिश बाद खोले बैराज के तीन गेट

देरी के कई बहाने गिनाए गए लेकिन कारण सिर्फ एक था, पैसा। इन 11 सालों में बैराज के प्रोजेक्ट की लागत 18 करोड़ से बढ़कर 59 करोड़ पहुंच गई। इतनी राशि खर्च करने के बाद भी राहत मिलना तो दूर उल्टे स्ट्रक्चर ही खोखला बनाया गया। लगभग साल-डेढ़ साल पहले इसी तरह दिनों की बारिश ने घटिया निर्माण की पोल खोल दी।

चारों गेट के साथ विंग वाल से पानी रिसने लगा। फ्लोर भी उखड़ गया और बेस भी खोखला हो गया। विधायक देवव्रत सिंह ने खुद कहा था कि यह बैराज बाढ़ नहीं रोक पाएगा। उनकी बात सही साबित हुई। आज भी बैराज का एक गेट टूटा हुआ है। इमरजेंसी गेट लगाकर काम चलाया जा रहा है। इसके अलावा भी कई खामियां हैं।

सालभर पहले बनाई गई इस वीडियो को देखें...

बैराज की जगह बनना था बांध

देवव्रत ने ही इस बात का खुलासा किया था कि वहां बैराज नहीं बांध बनना था। अगर बांध बना होता तो स्थिति दूसरी होती। वैसे भी साल दर साल सिर्फ लागत बढ़ी, बैराज की मजबूती परखने के लिए कोई भी अफसर मौके पर नहीं पहुंचा। नगर पालिका ने ढूंढ निकाला नाला वरना डूब जाता टिकरापरा

जानिए ये है प्रधानपाठ की खामियां

0 2006 में स्वीकृति मिलते ही सिविल वर्क से पहले गेट के सामान खरीदे गए, जो 7-8 साल जंगल में पड़े रहे।

0 बॉडी वाल के बेस तक खुदाई कर रवल-रेत हटाए बिना निर्धारित मापदंड से कम की सरिया लगाकर कंक्रीट की पतली परत बिछाई गई।

0 सलूज गेट और जेन्ट्री क्रैन की क्वालिटी खुद मेकैनिकल डिपार्टमेंट नकार चुका है।

0 सिविल इंजीनियरों के द्वारा मैकेनिकल काम करने से चारों गेट का फाल्ट सबसे पहले उजागर हुआ।

0 इन 11 सालों में ठेकेदार ने कई बार काम रोका, फिर एस्टीमेट रिवाइज्ड हुआ, लेकिन काम की गुणवत्ता नहीं पारखी गई।

कम करेंगे गेट की ऊंचाई

ईई जीडी रामटेके का कहना है कि तीन गेट खोलने के बाद पानी कम हुआ है। डैमेज गेट की ऊंचाई घटाकर उसे सुधारने कहा गया है, अगले बजट में इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा। वैसे कल सुबह तक पानी कम होने की संभावना है।

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Last modified on Friday, 28 August 2020 21:11

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