छुईखदान. छत्तीसगढ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ छत्तीसगढ़ द्वारा होम हर्बल गार्डन योजना के तहत औषधीय पौधों का ज्ञान स्वस्थ्य जीवन की पहचान हेतु आम जनमानस को सरल सहज रूप में औषधीय पौधों की उपलब्धता हेतु निशुल्क वितरण का आज शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा दुर्ग में पधारे दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर मंत्री वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के कर कमलों द्वारा आम जनमानस को औषधीय पौधों का वितरण किया गया।
कोविड 19 की वजह से बढ़ी आयुष औषधि की मांग - अकबर
मंत्री अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की वनस्पति जैव-विविधता प्रबंधन एवं परंपरागत वनौषधि चिकित्सा के संरक्षण संवर्धन एवं पुर्नउत्थान हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा की जा रही है, इसका लाभ आम जनता घरों और गमलों में तथा बाड़ी में लगा कर स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु पहल कर सकती है। वर्तमान में कोविड 19 की वजह से आयुष ओषधी की मांग बढ़ रही है ऐसे समय में किसान भाइयों को भी इन औषधीय पौधों के कृषिकरण हेतु अनुकूल वातावरण निर्माण हेतु यह योजना कामयाब हो रही है। मुख्य मंत्री ने धान के अलावा अन्य असगंध सुगंधित व फलदार वृक्षों हेतु 9-10 हजार रुपए का अनुदान की घोषणा की है।
मार्गदर्शिका भी जारी
होम हर्बल गार्डन योजना का संचालन परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ छत्तीसगढ़ के द्वारा किया जा रहा है और विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों का निशुल्क वितरण एवं उपयोग हेतु मार्गदर्शिका पुस्तिका का भी वितरण किया जाता है, परंपरागत वैद्य संघ के पारंपरिक वैद्य मोरध्वज साहू, वैद्य सरला वर्मा, वैद्य लाला राम, वैद्य रामकुमार, वैद्य महेश अंजोरिया वैद्य पूर्णानंद एवं अन्य वैद्य के अलावा कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जिला प्रशासन के समस्त अधिकारियों के साथ साथ आम जनमानस भी उपस्थित रहे |