हिंदू दर्शन के अनुसार, मृत्यु के बाद सूक्ष्म शरीर ही जन्म जन्मांतरों के शुभ-अशुभ संस्कारों का वाहक होता है। संस्कार अर्थात अच्छे-बुरे कर्म और आदतें भी!
यह साबित हुआ जब राजनांदगांव नगर निगम की पूर्व महापौर और नेता प्रतिपक्ष शोभा सोनी को श्रद्धांजलि देने के लिए छत्तीसगढ़ की पहली महिला निशानेबाज कोमल श्रीवास ने अपने फेसबुक वाल पर वीडियो अपलोड किया।
वीडियो में कोमल ने जो कहा, उससे शोभा के व्यक्तित्व और नेतृत्व को समझा जा सकता है। Corona के साथ चाहिए Corruption का टीका भी! ✍️प्राकृत शरण सिंह
कोमल ने रुंधे गले से कहा, ‘शोभा सोनी मैम का निधन वाकई में मेरे लिए असहनीय न्यूज है। हम सोचे भी नहीं थे कि मैम हमें इतनी जल्दी छोडक़र चली जाएंगी। हम सभी को पता था कि मैम को कोरोना है, पर उम्मीद थी कि वह हमारे बीच बहुत जल्द वापस आ जाएंगी।’
‘क्योंकि... मैम ने मेरे अकेले की हेल्प नहीं की है। उन्होंने बहुतों की हेल्प की और बहुतों को उनकी मंजिलों तक पहुंचाया है।’
‘मैं आज छत्तीसगढ़ की पहली महिला निशानेबाज हूं, तो इसमें सबसे पहला हाथ मैम का था। शोभा सोनी मैम का। वह टॉप पर हैं। मेरी भगवान से यही प्रार्थना रहेगी कि भगवान उनको जन्नत नसीब करे।’
कोमल का यह संदेश बताता है कि शोभा ने उस वक्त उनकी मदद की, जब सारी उम्मीदें टूट चुकी थीं। दरअसल, कोमल एनसीसी की एक बेहतर निशानेबाज रही हैं। एनसीसी में रहते हुए उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कर ली थीं और इसी के चलते वह निशानेबाजी में अपना कॅरियर बनाना चाहती थीं। लेकिन आर्थिक तंगी इसमें सबसे बड़ी बाधा थी।
मदद की आस लिए जब वह शोभा सोनी के पास पहुंचीं, तो उन्होंने आश्वासन दिया और निर्धारित तिथि को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पास लेकर गईं। डॉ. रमन को कोमल की प्रतिभा के बारे में बताया। उन्हों आश्वस्त किया कि अगर सरकार कोमल की मदद करे तो वह प्रदेश का नाम रोशन कर सकती है।
बस! शोभा के दिए वचन को डॉ. रमन ने निभाया और उन्हें दिल्ली के टॉप गन शूटिंग अकादमी में ट्रेनिंग के लिए आवश्यक राशि प्रदान की। इसके बाद कोमल ने पीछे मुडक़र नहीं देखा। Corona के साथ चाहिए Corruption का टीका भी! ✍️प्राकृत शरण सिंह
कोमल इंडियन टीम के सिलेक्शन ट्रायल के लिए भी चयनित हो चुकी हैं। हालही में वे यूरोप टूर से लौटी हैं और कोरोना संक्रमण की वजह से फिलहाल राजनांदगांव में ही रह रही हैं।
बिलासपुर में जन्मी कोमल भारतीय शूटर अपूर्वी चंदेला को अपना आदर्श मानती हैं। राजनांदगांव के दिग्विजय कॉलेज में ग्रेजुएशन के दौरान ही कोमल ने शूटर बनने की ठान ली थी। तब उन्होंने कहा था कि वह देश के लिए ओलंपिक में खेलना चाहती हैं।
वह मानती हैं कि शोभा सोनी के आशीर्वाद ने उनका हौसला बढ़ाया और वह इसे कभी नहीं भूल सकती। Corona के साथ चाहिए Corruption का टीका भी! ✍️प्राकृत शरण सिंह