उत्तरी कश्मीर के शोपियां जिले के तारिक अहमद मीर जो मलदुरा ग्राम सरपंच भी रह चुका है। आरोप है कि उसने हिजबुल मुजाहिदीन के साथी नाविद बाबू को हथियार सप्लाई और यातायात में मदद की।
आपको बता दें कि यह वही नावेद बाबू है जो निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह के साथ पकड़ा गया था। डीएसपी दविंदर सिंह भी आतंकियों से पैसे लेकर उन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में मदद करता रहा था, 11 जनवरी को जम्मू कश्मीर पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार किया। इसी वजह से इसे लिंक बताया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: कुर्सी जाने का खतरा देख, CM उद्धव ठाकरे ने मांगी PM मोदी से मदद
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तारीख अहमद मीर को उसके घर बारामुला से गिरफ्तार कर लिया है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है एनआईए द्वारा जांच और पूछताछ की जा रही है।
बीजेपी से लिंक :
आतंकवादियों को हथियार सप्लाई करने वाले आरोपी तारिक अहमद मीर पूर्व सरपंच रह चुका है अब आप कहेंगे की सरपंच का किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं रहता, तो आपको बताते चलें कि इससे पहले भी आरोपी अहमद मीर भाजपा का टिकट लेकर चुनाव लड़ चुका है 2014 में हुए विधानसभा चुनाव मे वाची सीट पर विधायक चुनाव लड़ा था।
सबूतों की बात की जाए तो चुनाव आयोग के वेबसाइट पर बकायदा इसका नामांकन फॉर्म मौजूद है, जो आप इस पीडीएफ को डाउनलोड करके देख सकते हैं।
download PDF
जानकारी के मुताबिक तारीक अहमद मीर को लगभग हजार वोट ही मिले थे और चुनाव में हार हुई थी।
यह मामला सामने आते ही विपक्षी दल ने तो भाजपा पर हमला ही कर दिया बीजेपी के साथ टेरेरिस्ट शब्द जोड़ने लगे कल से लगातार ये खबर चर्चा में बनी हुई है। दरअसल एक ट्वीट आई सौरभ राय जिनकी प्रोफाइल पर आईएनसी लिखा हुआ है, अर्थात इंडियन नेशनल कांग्रेस से जुड़े हुए सौरभ राय ने ट्वीट किय।
देखिए ट्वीट :
देखिए भाजपा पार्टी का क्या कहना है :
श्रीनगर में भाजपा के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर से बातचीत की गई उन्होंने कहा कि अमीर वाची विधानसभा से प्रत्याशी जरूर था, लेकिन 3 अक्टूबर 2018 को उसे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दखल कर दिया गया था। साथ ही साथ उनका एक और बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि हमें उसके बैकग्राउंड का पता नहीं था।
“मीर पार्टी में किसी रूप में मौजूद नहीं हैं 2018 में हमें पता चला कि वो पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. हमें पता चला कि उसकी उन पार्टियों से क़रीबी बढ़ रही है, जिनकी विचारधारा भाजपा से नहीं मिलती है. पार्टी तारिक अहमद मीर से ख़ुद को अलग कर चुकी है”
रागनीति के ताजा अपडेट के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर पर हमें फालो करें।