भाजपा ने एक बार फिर शिवसेना को मुस्लिम आरक्षण के मामले को लेकर एक प्रस्ताव दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि यदि मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर शिवसेना महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन को छोड़ती है, तो भाजपा उनका साथ देने को तैयार है।
दूसरी बार दिया ऐसा प्रस्ताव
हाल के दिनों में सुधीर मुनगंटीवार ने दूसरी बार शिवसेना को इस तरह का प्रस्ताव दिया है। इससे पहले वह 30 जनवरी को भी शिवसेना के साथ सरकार बनाने की बात कह चुके हैं। बुधवार को मुनगंटीवार ने मुस्लिमों को शिक्षा में पांच फीसद आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यदि इस मुद्दे पर शिवसेना कांग्रेस और राकांपा का साथ छोड़ने को तैयार हो, तो भाजपा उसका साथ देगी।
संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था नहीं
मुनगंटीवार ने कहा कि मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर दोनों कांग्रेस ने मिलकर शिवसेना का मजाक बना दिया है। जबकि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भूमिका पूरी तरह उचित है। धर्म के आधार पर आरक्षण देने की संविधान में कोई व्यवस्था नहीं है।
धर्म के आधार पर यदि मुस्लिमों को आरक्षण दिया जा सकता है, तो सिखों एवं ईसाइयों का क्या गुनाह है, जो उनको धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिल सकता ? मुनगंटीवार के मुताबिक केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की है। उसमें मुस्लिम भी शामिल हो सकते हैं।
पूर्व गठबंधन की दिलाई याद
शिवसेना-भाजपा गठबंधन की याद दिलाते हुए मुनगंटीवार ने कहा कि इन दोनों दलों का गठबंधन हमेशा समान विचारों के आधार पर रहा है। शिवसेना को आगे भी कांग्रेस-राकांपा के दबाव में आकर राजनीति करने की चिंता नहीं करनी चाहिए। यदि वह इस मुद्दे पर इन दोनों दलों का साथ छोड़ती है, तो भाजपा उसका साथ देने को तैयार है।
पहले भी दे चुके हैं प्रस्ताव
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सीएए-एनआरसी-एनपीआर के मुद्दे पर भी मुनगंटीवार शिवसेना को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी से बाहर आने का प्रस्ताव दे चुके हैं। इससे पहले 30 जनवरी को भी मुनगंटीवार कह चुके हैं कि यदि भाजपा की ‘प्राकृतिक सहयोगी’ प्रस्ताव दे तो भाजपा आज भी उसके साथ सरकार बनाने को तैयार है। मुनगंटीवार का मानना है कि कांग्रेस और शिवसेना की सभी मुद्दों पर अलग विचारधारा हैं। दोनों का आपस में कोई तालमेल नहीं है। इसलिए यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकती। इसलिए वह बार-बार शिवसेना को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी से बाहर आने के लिए प्रेरित करते दिखाई दे रहे हैं।