हम भी वहीं मौजूद थे / रविवार दोपहर 12 बजे के आसपास। कांग्रेस भवन में पदाधिकारियों की चहल कदमी। परिसर में 10-12 लोगों की मौजूदगी के बीच शहर अध्यक्ष दिनेश शर्मा अचानक बरस पड़े।
नियाव@ राजनांदगांव
सीन-1 / कांग्रेस भवन का परिसर
शर्मा को बिफरता देख सभी का ध्यान उन पर गया। वे बड़बड़ाने लगे। बोले- सभा में भीड़ तक नहीं जुटा पाए। (ये शनिवार को जय स्तंभ चौक पर हुई अभिनेता राज बब्बर की सभा के बारे में कह रहे थे। )
‘कम से कम उन लोगों को तो ध्यान देना ही चाहिए जो पद में हैं।’
इस पर जवाब में वहां मौजूद पार्षदों ने जोर देकर कहा- ‘हमें तो राज बब्बर की सभा के बारे में किसी ने सूचना ही नहीं दी थी।’
इसके बावजूद शर्मा दोष मढ़ते रहे। तभी पास ही खड़े नेता सुदेश देशमुख ने दो टूक कहा- मैं तो कोई पद में हूं नहीं। मुझे मत सुनाओ। मैं स्वाभिमानी व्यक्ति हूं।
दिनेश ने उनकी बात काटी- मैं आपसे ज्यादा स्वाभिमानी हूं। नहीं जमता तो छोड़ दो।
इतना सुनते ही देशमुझ का पारा चढ़ा। वे कहां खामोश रहने वाले थे। गुस्से में बोले- आज के बाद मैं काम नहीं करुंगा।
दोनों के बीच बहस बढ़ता देख वहीं पर बैठे रमेश राठौर ने बीच-बचाव किया और दोनों नेताओं को समझाइश दी।
सीन-2 / करुणा की क्लास के बाद बना सीन-1
रविवार को कांग्रेस भवन में हुई इस बहस की जड़ तक पहुंचने का प्रयास किया तो पता चला कि राज बब्बर की सभा के बाद कांग्रेस प्रत्याशी करुणा शुक्ला ने अध्यक्ष दिनेश शर्मा की क्लास ली थी। इसलिए सीन-1 बना।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि करुणा ने दिनेश से कहा- काम नहीं कर सक रहे हो तो छोड़ दो। मैं रायपुर से टीम बुलवा लेती हूं। रायपुर वाले यहां आकर काम कर लेंगे।
सीन-3 / सीन-1 और 2 से हटकर
दो-तीन दिन पहले नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हफीज खान और जितेंद्र मुदलियार के बीच भी जमकर कहा-सुनी हुई। बताते हैं कि जीतू ने हफीज से कहा कि आप तो मुझे निपटाने पर तुले हुए हो। यहीं से झगड़ा शुरू हुआ। बहस के बाद हफीज ने अपने समर्थकों से यहां तक कह दिया कि जीतू को तो गौरीनगर में घुसने ही नहीं देना है।
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