ब्रिटेन में हाहाकार मचाने वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की एंट्री भारत में हो गई है। ब्रिटेन से लौटे 6 लोगों में सार्स-सीओवी2 का नया स्वरूप मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुद मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। बताया कि बेंगलुरू स्थित निमहांस, हैदराबाद के सीसीएमबी व पुणे के एनआईवी में जांच के लिए आए नमूनों में वायरस का नया स्वरूप (कोविड-19 स्ट्रेन) पाया गया।
मंत्रालय ने जानकारी दी कि राज्य सरकारों ने संबंधित मरीजों को चिन्हित स्वास्थ्य केंद्राें में अलग कक्षों में रखा है। इसके अलावा उनके संपर्क में रहे लोग भी अलग आवास में रखे जा रहे हैं।
यहां क्लिक कर पढ़ें: झोलाछाप इलाज ने ली जान; पर्ची लिखी नहीं और मरीज को दी शेड्यूल-H1 दवा, सरकारी अस्पताल से बनाए रखी दूरी
ब्रिटेन में मिले वायरस का यह नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कोविड-19 का यह नया स्ट्रेन काफी घातक है और जानलेवा भी। पहले ही खबर थी कि वायरस का नया स्वरूप 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसे ज्यादा जानलेवा होने के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
बिंदुवार जानिए कब आया नया वायरस और कितना है खतरनाक
0 कोविड-19 के इस नए स्ट्रेन के बारे में तीन माह पहले पता चला, जब 20-21 सितंबर को लंदन के केंट इलाके से लिए गए सैंपल की जांच हुई। वायरस के इस जीनोम को नाम दिया गया बी.1.1.7। वैसे तो कोरोना वायरस के कई रूप सामने आए हैं, लेकिन तीन अहम हैं और तीनों की पहचान हो चुकी है।
0 ब्रिटेन में आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए टेकपैथ की टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस किट से जांच में कोरोना के तीन जीन सामने आते हैं, लेकिन सैंपलों के आंकड़ों पर गौर करने पर पता चला कि हालही के दिनों में केवल दो जीन ही सामने आए हैं। पड़ताल में पता चला कि वायरस के नए रूप में तीसरे जीन काे छिपा दिया है। अचानक इसमें तेजी आने लगी। इसके चलते पुष्टि हुई कि नए स्ट्रेन की वजह से ऐसा हो रहा था।
यहां क्लिक कर पढ़ें: झोलाछाप इलाज ने ली जान; पर्ची लिखी नहीं और मरीज को दी शेड्यूल-H1 दवा, सरकारी अस्पताल से बनाए रखी दूरी
0 वायरस कोई सा भी हो, आंशिक रूप से बदलाव उनका अनुवांशिक गुण है। इसे प्राकृतिक प्रक्रिया ही समझिए। ऐसे में वायरस इंसानी कोशिकाओं में ज्यादा सरल तरीके से घुसने की तरकीब ढूंढता है। वुहान में जो वायरस मिला था, उसके बाद से अब तक कोविड-19 में कम से कम 25 बार म्यूटेशन हो चुका है।
0 बर्मिंघम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एलन मैकनली का कहना है कि नए वायरस के बारे में हम जैविक रूप से कुछ नहीं जानते हैं। इसके असर को लेकर कोई अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी। हालांकि ब्रिटेन ने आधिकारिक रूप से इस वायरस को 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलने वाला बताया है।