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कोरोना महामारी के कारण छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूल अनिश्चित काल के लिए बंद है। ऐसे समय में बच्चों को सुरक्षित पढ़ाई से जोड़ने के उद्देश्य से पढ़ई तुंहर दुआर अभियान के तहत मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को उनके घरों के आसपास खेलते-खेलते पढ़ाने के उद्देश्य से हर गाँव प्रिंटरिच गाँव मुहीम चलाया जा रहा है। इस योजना में शिक्षकों द्वारा गाँव की गलियों और घरों में पढ़ने लिखने के विषयवस्तु का वाल पेंटिंग किया जा रहा है, ताकि बच्चों को उनके आसपास खेलते-खेलते पढ़ने की सुविधा मिल जाए इसी कड़ी में खैरागढ़ के वनांचल गाँव देवरी में भी प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण किया जा रहा है।
शासकीय प्राथमिक शाला देवरी के प्रभारी शिक्षक राजेश कुमार प्रजापति ने बताया की बच्चे अपने घर परिवार एवं परिवेश से बहुत सी ज्ञान की बातें सीखते है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए गाँव की दीवारों पर हिन्दी वर्णमाला, अंग्रेजी के अल्फाबेट, गिनती , पहाड़ा, ज्यामितीय आकृति, सब्जी के नाम, फूलों के नाम, जानवरों के नाम, फलों के नाम, पक्षियों के नाम अंग्रेजी एवं हिन्दी में, और सामान्य ज्ञान का वॉल पेंटिंग करवाया गया है।
देवरी में वॉल पेंटिंग का निर्माण किये जाने पर बी.ई.ओ. श्री महेश भुआर्य, बी.आर.सी. श्री भगत सिंह ठाकुर ने बताया की बच्चों को सुरक्षित पढ़ाई से जोड़ने की दिशा में बहुत ही सराहनीय प्रयास किया है, शाला के प्रधान पाठक रेशमलाल बेरवंशी, शिक्षक राजेश कुमार प्रजापति, मनीष यादव, सरस्वती वर्मा एवं शिक्षा सारथियो द्वारा मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है,
प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण किये जाने पर बधाई दी है। सरपंच श्री केजराम साहू, उपसरपंच श्री मानिक टंडन, शाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री केवल साहू, ग्राम पंचायत सचिव नाजनीन नियाजी ने बताया की गाँव में प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण हो जाने से बच्चों को सीखने समझने के नए अवसर प्राप्त होंगे और बच्चों की सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी। संकुल समन्वयक श्री चंद्रशेखर गुनी ने बताया की प्रिंटरिच वातावरण का निर्माण हो जाने से माता-पिता और ग्रामीण भी अपने आप को पढाई से जोड़ कर बच्चों को सीखने- सिखाने में सहयोग कर पाएँगे और इसी तरह संकुल के सभी शालाओ में प्रिंटरिच वातावरण बनाने का प्रयास किया जायेगा ।