सार
- 2025 तक इन्फ्रा क्षेत्र पर 100 लाख करोड़ निवेश की जरूरत
- सर्वेक्षण में कहा गया- राजकोषीय दबाव को तैयार रहे सरकार
- साल 2025 तक इन्फ्रा क्षेत्र को 100 लाख करोड़ रुपये चाहिए
विस्तार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट एक फरवरी 2020 को पेश करेंगी। इससे पहले शुक्रवार 31 जनवरी को केंद्र सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के जरिये ‘अच्छे दिन’ का भरोसा दिलाया और सुनहरे भविष्य की उम्मीद जताई। इस सर्वे में पांच साल में चार करोड़ नौकरियां देने का चीन का फॉर्मूला सुझाया गया है। आम बजट में वित्त मंत्री से उम्मीदें होंगी और उनके सामने सुस्त अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की बड़ी चुनौती होगी।
आर्थिक विकास को गति देने और अर्थव्यवस्था को 50 खरब डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए सरकार को राजकोषीय घाटे की परवाह किए बिना खर्च को बढ़ाना होगा। आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में कहा गया है कि इन्फ्रा की मजबूती से ही विकास दर बढ़ेगी। इसके लिए 2025 तक इस क्षेत्र को 100 लाख करोड़ चाहिए, ताकि ऊर्जा, परिवहन और संपर्क साधनों की पर्याप्त पहुंच को सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार का मानना है कि बिना आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाए अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों को पाना मुश्किल होगा। इसके लिए बनाए जा रहे नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के जरिये रोजगार सृजन, जीवन सुगमता और सभी नागरिकों तक इसकी सुविधाओं को पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें केंद्र और राज्यों की 39-39 फीसदी की भागीदारी होगी, जबकि 22 फीसदी भूमिका निजी क्षेत्र निभाएगा। साथ ही राजकोषीय दबाव सहने को तैयार रहना होगा।
इस्पात खपत बढ़ाने पर जोर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सर्वेक्षण में इस्पात उत्पादन और खपत बढ़ाने के साथ कच्चे तेल की कीमतों में आ रही गिरावट का जिक्र होना इस्पात के साथ ही तेल-गैस क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत है। इसके ढांचे को भी मजबूत किया जाएगा।