शुरू हुई भ्रष्टाचार की जांच: एसडीओपी ने बुधवार (7 अक्टूबर) को Video Viral करने वाले राजा सोलंकी को बुलवाया, ब्लॉक अध्यक्ष भीखमचंद का भी लिया बयान।
खैरागढ़. सियासी गलियारे में चर्चित वायरल वीडियो ईओडब्ल्यू तक पहुंच चुकी है। दूसरी तरफ खैरागढ़ पुलिस ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि उपाध्यक्ष का पद नगर पालिका के लोक सेवक की श्रेणी में आता है। अगर वीडियो में सच्चाई है, तो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (1988) के तहत कार्रवाई होगी।
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बुधवार (7 अक्टूबर) को एसडीओपी जीसी पति ने ब्लॉक अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़ और वीडियो वायरल करने वाले राजा सोलंकी को बुलाकर उनके बयान लिए। उनके साथ सभापति मनराखन देवांगन भी पहुंचे थे। इससे पहले मंगलवार को ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंचकर भी कांग्रेसियों ने वायरल वीडियो की पूरी कहानी एसपी को बताई है।
सरकार से जो पैसा लेता है, वह लोकसेवक है
एसडीओपी जीसी पति का कहना है कि जिसे भी सरकार पैसा देती है, वह लोकसेवक की श्रेणी में आता है। रामाधार रजक नगर पालिका परिषद के लिए लोकसेवक है। अगर घटना की वीडियो क्लिपिंग सत्य है। उससे किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई है तो यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आता है। वैसे भी यह प्रकरण ईओडब्ल्यू के पास पहुंच चुका है, वह इसकी बारीकी से जांच करेंगे।
चार से दस साल की सजा का है प्रावधान
कोई भी व्यक्ति लोक सेवक के रूप में अपनी स्थिति का दुरुपयोग करके अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई मूल्यवान चीज या धन संबंधी लाभ अभिप्राप्त करता है, तो वह आपराधिक अवचार के अंतर्गत आता है।
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विधिक जानकारों के अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (1988) की धारा 13 के तहत कोई लोक सेवक जो आपराधिक अवचार करेगा, उसे चार से दस साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
उपाध्यक्ष ने खुद कहा है- वीडियो की जांच हो
वीडियो वायरल होने के बाद उपाध्यक्ष रामाधार रजक खुद सबसे पहले थाना पहुंचकर वीडियो की जांच करने और इसे वायरल करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर चुके हैं। रामाधार का कहना है कि दूसरी किसी घटना को मिक्सिंग कर वीडियो बनाई गई है। हालांकि उन्होंने मूल घटना के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।
जानिए ऐसा है पूरा मामला
जोगी कांग्रेस के युवा नेता राजा सोलंकी ने 25 अक्टूबर को फोटो वायरल कर खैरागढ़ की सियासत में हड़कंप मचा दिया था, जिसमें रामाधार रजक को नोट की गड्डी लेते दिखाया गया। दूसरे दिन इसी फोटो से संबंधित वीडियो का पहला भाग वायरल किया। इसके बाद पूरी वीडियो फेसबुक पर वायरल कर दी। इसमें रामाधार शिवबोरवेल्स के ठेकेदार से दो-दो हजार का नोट लेते दिखाई दे रहे हैं।
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कांग्रेसियों का आरोप है कि रामाधार ने विभिन्न वार्डों में खोदे गए 16 बोरवेल्स में अनियमितता की शिकायत की थी और ठेकेदार का पेमेंट राेकने के लिए कहा था। उसी पेमेंट के भुगतान के एवज में ठेकेदार से रकम ली गई है। सभापति मनराखन देवांगन ने नगर पालिका से दस्तावेज निकालकर इसके प्रमाण भी प्रस्तुत किए हैं।