ब्लॉक व शहर कांग्रेस कमेटी ने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के एसपी को बताई वायरल वीडियो की पूरी कहानी, कहा- वीडियो की जांच कर उपाध्यक्ष रामाधार रजक पर दर्ज करें एफआईआर।
खैरागढ़. नगर पालिका उपाध्यक्ष की वायरल वीडियो को लेकर नया खुलासा ये हुआ है कि रामाधार रजक ने बोरवेल्स खनन में अनियमितता को लेकर जो शिकायत की थी, उसकी जांच ही नहीं की गई। मंगलवार (6 अक्टूबर) को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के एसपी को सौंपी गई शिकायत में इसका खुलासा हुआ है। कांग्रेस ने आशंका जताई है कि मामले में लेन देन के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ी ही नहीं। वायरल वीडियो से स्पष्ट है कि ठेकेदार को भुगतान करवाने के एवज में ही खुले आम रिश्वत मांगी गई। इससे नगर पालिका की छवि धूमिल हुई है।
इसे भी पढ़ें: बोर खनन के कागजात लेकर पहुंचे कांग्रेसी, बोले- Video में दिख रहा ठेकेदार, उपाध्यक्ष पर दर्ज करो FIR
कांग्रेसियों का कहना है कि 21 सितंबर 2017 को उपाध्यक्ष ने विभिन्न वार्डों में 16 बोरवेल्स खनन करने वाले ठेकेदार का भुगतान रोकने तथा काम की जांच को लेकर शिकायत की थी। वायरल वीडियो में शिव बोरवेल्स राजनांदगांव के प्रोपराइटर हेमंत साहू से ही उपाध्यक्ष रामाधार रजक दो-दो हजार के नोट लेते दिखाई दे रहे हैं। दूसरी तरफ उपाध्यक्ष की शिकायत के बावजूद जांच प्रक्रिया का आगे न बढ़ना और संबंधित ठेकेदार को पूरा भुगतान किया जाना वायरल वीडियो के घटनाक्रम को साबित कर रहा है।
ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंचने वालों में शहर कांग्र्रेस कमेटी के अध्यक्ष रज्जाक खान, ब्लॉक अध्यक्ष भीखमचंद छाजेड़, वरिष्ठ कांग्रेसी गुलाब चोपड़ा और सभापति मनराखन देवांगन शामिल हैं। सभी ने एसपी से मिलकर वायरल वीडियो की सीडी और दस्तावेज सौंपे और वीडियो की जांच कर उपाध्यक्ष रामाधार रजक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा।
ये थी उपाध्यक्ष की शिकायत: बोरवेल्स की गहराई बढ़ाई, केसिंग की लंबाई चुराई
नगर पालिका उपाध्यक्ष रामाधार रजक ने नगरी प्रशासन एवं विकास विभाग में शिकायत की थी, जिसमें कहा था कि तत्कालीन सब इंजीनियर संजय मारकंडेय ने ठेकेदार के साथ मिलकर बड़ा भ्रष्टाचार किया है। शेड्यूल में स्वीकृत स्पेशिफिकेशन और आइटम के अनुरूप कार्य स्थल पर काम नहीं किया गया है। मेजरमेंट बुक में दर्ज माप बनावटी और भ्रामक है।
इसे भी पढ़ें: Khairagarh: संकट में ‘खैरागढ़िया सियासत'!
इससे पहले कलेक्टर से हुई शिकायत के बाद तब के सब इंजीनियर प्रशांत शुक्ला को जांच सौंपी गई थी, जिस पर शुक्ला ने यह कहते हुए जांच से इनकार कर दिया था कि वे अपने ही रैंक के अफसर के काम की जांच कैसे कर सकते हैं। इसके बाद जांच प्रक्रिया आगे बढ़ी ही नहीं। बताया गया कि उपाध्यक्ष ने भी किसी प्रकार का पत्र व्यवहार नहीं किया।
भ्रष्टाचार उजागर किया, फिर इसे ही दबाने ली रिश्वत
कांग्रेस का आरोप है कि उपाध्यक्ष रामाधार रजक ने पहले बोरवेल्स खनन में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया। इसके बाद उसी ठेकेदार से रिश्वत लेकर फाइल आगे नहीं बढ़ने दी। रामाधार पहले ही पूरी सीडी पर सवाल उठा चुके हैं। उनके अनुसार सीडी ही फर्जी है, लेकिन जांच प्रक्रिया को लेकर उनकी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
वीडियो में स्पष्ट है रामाधार और ठेकेदार का चेहरा