सियासी घमासान: धोखाधड़ी के आरोपी मंडल अध्यक्ष कमलेश कोठले के बचाव में विक्रांत सिंह ने पुलिसिया कार्रवाई को बताया था राजनीति से प्रेरित, इसी बात से भड़के कांग्रेसी...
खैरागढ़. चिटफंड कंपनी बनाकर लोगों से लाखों रुपए ऐंठने के मामले ने अब राजनीति रंग ले लिया है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पार्टी ने भोले-भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए मंडल अध्यक्ष कोठले को ही जिम्मेदार ठहराया है और विक्रांत से कहा है कि पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाना व पत्रकारों को बेवजह नसीहत देना किसी भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। Also read: Exclusive: मंडल अध्यक्ष ने ठगी के रुपयों से खरीदी जमीन, भाई के नाम की रजिस्ट्री, रायपुर के Magnato Mall में भी बुक कराया था Complex
कांग्रेसियों का सीधा सवाल है कि यदि कमलेश का फर्जी हस्ताक्षर कर उन्हें कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया था तो जानकारी मिलने के बाद सबसे पहले उन्हें एफआईआर दर्ज करानी थी। अगर उनकी नीयत साफ थी तो पॉवर ऑप एटर्नी लेकर अपने भाई त्रिलोक के नाम जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले उन सैकड़ों जरूरतमंद निवेशकों के बारे में सोचना चाहिए था, जिनकी गाढ़ी कमाई कंपनी हजम कर गई। ग्वालियर और रायपुर के रजिस्ट्रार से मिले दस्तावेज में कमलेश का नाम डायरेक्टर के रूप में दर्ज है। कांग्रेस का आरोप है कि 2013 में कंपनी रजिस्टर्ड होने से 6 वर्ष तक प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही। कमलेश सहानुभूति दिखाता तो उनकी निवेशकों की रकम लौटाई जा सकती थी।
देखिए भीखमचंद छाजेड़ ने विक्रांत सिंह के लिए क्या कहा...
विक्रांत से पूछा कानूनी कार्रवाई में बाधा डालने का मकसद
कांग्रेस के अध्यक्ष रज्जाक खान और भीखम चंद छाजेड़ ने कहा कि क्या विक्रांत सिंह और उनकी पार्टी के समर्थक चिटफंड कंपनी से जुड़े हुए हैं या कोई लाभ ले रहे हैं? यदि नहीं तो कानूनी कार्रवाई में बाधा डालने का मकसद क्या है? चिटफंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कांग्रस की सरकार प्रतिबद्ध है, यह तो उनके घोषणा पत्र में शामिल था। पुलिस ने तथ्यों को जांचने के बाद कार्रवाई की है। इसलिए पार्टी विक्रांत के कथन का खंडन करती है। Also read: Khairagarh में लाखों की ठगी: नपा के नेता प्रतिपक्ष कोठले (Kothale) सहित चार गिरफ्तार, तीन फरार, थाना घेरने पहुंचे भाजपाई
कांग्रेसियों ने विक्रांत को सलाह दी है कि वे अपने पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए मनगढ़ंत कहानियां बनाने की बजाए कानूनी कार्रवाई में सहयोग करें। कंपनी ने यह भी मांग की है कि निवेशकों की गाढ़ी कमाई से खरीदी गई जमीन की कुर्की कर उनकी रकम लौटाने की कार्रवाई होनी चाहिए।
पत्रवार्ता के दौरान ये रहे मौजूद
पत्रवार्ता के दौरान ब्लाक कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष रज्जाक खान, ग्रामीण अध्यक्ष भीखम चंद छाजेड़, गुलाब चोपड़ा, अनुराग तुरे, समीर कुरेशी, साूनी ढीमर आदि मौजूद रहे।
इन बिंदुओं पर गौर कर समझें क्या है पूरा मामला
० पुलिस के अनुसार सर्वोदय मल्टीट्रेड कंपनी ने माइक्रो इन्वेस्टमेंट फर्म के तहत खैरागढ़ क्षेत्र के तकरीबन 150 लोगों को निवेश कराया।
० इसके तहत पांच साल में रकम दुगुनी और 15 साल में आठ गुनी करने का झांसा दिया गया।
० निवेशकों से लाखों रुपए ऐंठने के बाद परिपक्वता के पांच साल पूरे होते ही धोखाधड़ी की कहानी शुरू हुई और कंपनी ने रकम वापसी को लेकर टाल मटोल शुरू कर दिया।
० इस बीच भिलाई और खैरागढ़ स्थित कंपनी का कार्यालय भी बंद कर दिया गया। अब निवेशक भटकते रहे, लेकिन दबाव के कारण जुबान नहीं खोली।
० हालही में आवेदन खिलावन चंद्राकर और रामप्रसाद पटेल ने पुलिस को डायरेक्टर तरुण साहू के विरुद्ध आवेदन दिया।
० जांच के दौरान पुलिस को दस्तावेजों में सात डायरेक्टरों के नाम मिले, जिसमें से एक कमलेश कोठले भी था।
० दस्तावेजों के आधार पर पुलिस ने सातों डायरेक्टरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की और चार को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया, तीन की तलाश अभी भी जारी है।
० जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने इस पूरी कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताकर सरकार को घेरने की कोशिश की और साक्ष्य भी प्रस्तुत किए।
० कांग्रेस का कहना है कि उन्हीं के पेश किए गए साक्ष्यों पर गौर किया जाए तो मंडल अध्यक्ष कोठले पूरी तरह दोषी हैं, विक्रांत तो बस मनगढ़ंत कहानियां बना रहे हैं।
यहां देखिए और सुनिए क्या कहा था विक्रांत सिंह ने...
परमिशन का है इंतजार
थाना प्रभारी लोमेश सोनवानी का कहना है कि दस्तावेजों के आधार पर ही कार्रवाई की गई है। बाकी तीन आरोपी बाहर हैं, तरुण साहू ने तो अपना मोबाइल भी बंद कर रखा है। अनुमति मिलते ही बाकी आरोपियों की तलाश में भी टीम भेजी जाएगी।