×

Warning

JUser: :_load: Unable to load user with ID: 807

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बस आवागमन, श्रमिकों की सहायता के लिए काऊंटर, नाश्ते एवं पेयजल की व्यवस्था Featured

By May 17, 2020 420 0
  • छंटने लगे हैं धूप और गम के बादल
  • मुख्यमंत्री के निर्देश पर बस आवागमन से श्रमिकों की चिंता हुई दूर
  • बस आवागमन के लिए जिला प्रशासन राजनांदगांव ने की तत्परता एवं सक्रियता से व्यवस्था
  • श्रमिकों की सहायता के लिए काऊंटर बनाए गए
  • नाश्ते एवं पेयजल के लिए की गई व्यवस्था
  • अंतर्राज्यीय सीमाओं से लगभग 2 लाख 10 हजार लोगों का हुआ प्रवेश
  • 1443 क्वॉरेंटाईन सेंटर में 4 करोड़ 32 लाख 90 हजार रूपए का हुआ व्यय

रायपुर, 17 मई 2020/ धूप और गम के बादल अब छंटने लगे हैं। कोविड-19 संक्रमण के कारण लॉकडाऊन में फंसे प्रदेश एवं अन्य प्रवासी श्रमिकों की पीड़ा को महसूस कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बागनदी बार्डर से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रमिक राजनांदगांव जिले के बागनदी बार्डर आ रहे हैं।

यह भी पढ़े :जम्मू कश्मीर में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के लिए राज्य सरकार ने दी 3 स्पेशल ट्रेनों की सहमति

जिला प्रशासन राजनांदगांव ने तत्परता एवं सक्रियता से श्रमिकों के आवागमन के लिए बागनदी चेक पोस्ट में व्यवस्था की है। राजनांदगांव जिला कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य निरंतर बागनदी चेक पोस्ट का निरीक्षण कर रहे हैं और व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। श्रमिकों की सहायता के लिए काऊंटर बनाए गए हैं। विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रमिक सहायता केन्द्र में अपने गांव की ओर जाने वाले बसों का पता पूछकर जाने की तैयारी में खुश दिखाई दिए।

बागनदी बार्डर में श्रमिकों के लिए सूखे नाश्ते एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है। उन्हें ओआरएस घोल एवं शर्बत दिया जा रहा है। चेक पोस्ट में उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काऊंटर बनाया गया है।

यह भी पढ़े :350 km चलकर सुकमा पहुंचे मजदूर ने कहा- "सरकार पर चवन्नी भर भी विश्वास नहीं है", उसी की जुबानी जानें पूरी कहानी

समीप ही पुलिस सहायता केन्द्र में श्रमिकों को जानकारी देने के साथ ही मदद की जा रही है। श्रमिकों के पंजीयन के लिए दो काउंटर बनाए गए है। प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य तक एवं छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को उनके जिलों तक पहुंचाने के लिए लगभग 100 बसें लगी हुई है। बसों को रवाना करने के पहले दो बार सेनेटाईज किया जा रहा है। पहले खाली बसों को सेनेटाईज किया जाता है। उसके बाद श्रमिकों के बैठने के बाद एक बार फिर से बसों को सेनेटाईज किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 में स्थित बागनदी बार्डर में प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार श्रमिक सीमा में प्रवेश कर रहे है।

महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, मध्यप्रदेश से आने वाले यात्री लगातार आ रहे हैं। महाराष्ट्र एवं गुजरात परिवहन विभाग की बसों एवं उन राज्यों से आने वाले ट्रकों के माध्यम से बढ़ी संख्या में यात्रियों को बागनदी चेक पोस्ट के समीप उतार दिया जाता है। जिससे बागनदी चेक पोस्ट पर हजारों लोगों की भीड़ एकत्र हो रही है। सीमा पर आने वाले यात्री छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओड़ीसा, पश्चिम बंगाल के निवासी है। राजनांदगांव जिले में लाकडाउन की समयावधि में प्रथम चरण (24 मार्च से 13 अप्रैल 2020), द्वितीय चरण (14 अप्रैल से 3 मई 2020) एवं तृतीय चरण (4 मई से 17 मई 2020) को मिलाकर अब तक राजनांदगांव के अंतर्राज्यीय सीमाओं से लगभग 2 लाख 10 हजार लोग प्रवेश कर चुके हैं। प्रवासी मजदूरों के जाने की व्यवस्था अंतर्गत पका हुआ भोजन एवं सूखा राशन लगभग 60 हजार से अधिक लोगों को प्रदान किया गया।

क्वारेन्टाईन सेंटर जहां दूसरे राज्य के प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों तक क्वांरेन्टाईन किया गया, सड़क चिरचारी में 800, रैन बसेरा राजनांदगांव में 300 लोगों को तथा दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों के रहने, खाने, कपड़े और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं में लगभग 28 लाख रूपए व्यय किए गए है। जिले में क्वांरेन्टाईन सेंटरों की संख्या 1443 है, जिस पर अब तक 4 करोड़ 32 लाख 90 हजार रूपए व्यय किया जा चुका है।

बागनदी से अन्य जिलों एवं अन्तर्राज्यीय सीमाओं तक प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए 100 बसों की व्यवस्था की गई है। राजनांदगांव के रैन बसेरा से 24 अप्रैल 2020 से बसों के माध्यम से जिला कवर्धा, मुंगेली, बेमेतरा एवं बलोद के 12 हजार मजदूरों को अब तक पहुंचाया गया है। दूसरे राज्य से आए प्रवासी मजदूरों का व्यय अस्थायी क्वांरेन्टाईन सेंटर (सड़क चिरचारी एवं अन्य चेक पोस्ट) में 28 लाख रूपए का व्यय हुआ।

दो ट्रकों की टक्कर में राजस्थान से आ रहे 24 मजदूरों की मौत हो गई

वही बस एवं डीजल व्यवस्था के लिए प्रतिदिन 15 से 20 लाख रूपए का व्यय हो रहा है। अब तक 30 लाख रूपए का व्यय किया जा चुका है। बागनदी बार्डर पर पश्चिम बंगाल के केस्टो एवं रमेश विश्वास ने बताया कि रोजी-मजदूरी के लिए पुणे गए थे और ऐसी कठिन परिस्थिति में फंस गए थे कि अपने घर नहीं जा पा रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की मदद से हम अपने घर तक पहुंच पाएंगे। छत्तर साहू ने बताया कि पुणे से वापस आया हूं।

कोरोना : हवाई जहाज से हवाई चप्पल तक ✍️जितेंद्र शर्मा

शराब ने छीनी रोटियां : ✍️जितेंद्र शर्मा

अंगुली कटाकर शहादत बताने की चाल ✍️जितेंद्र शर्मा

 

 

रागनीति के ताजा अपडेट के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें और ट्वीटर पर हमें फालो करें।

Rate this item
(0 votes)
Last modified on Monday, 18 May 2020 08:38

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.