केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर कहा - रेलवे रोजाना 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाकर कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिये तैयार है, लेकिन मुझे दुख है कि कुछ राज्यों जैसे प.बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ, व झारखंड की सरकारों द्वारा इन ट्रेनों को अनुमति नही दी जा रही है, जिससे श्रमिकों को घर से दूर कष्ट सहना पड़ रहा है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन आरोपों को तथ्यहीन और आधारहीन बताते हुए जवाब दिया - "छत्तीसगढ़ की ओर से 30 ट्रेनों की अनुमति मांगी गई है और हमें अब तक सिर्फ़ 14 मिली हैं। ट्रेनों के लिए हम क़रीब 1.17 करोड़ का भुगतान भी रेलवे को कर चुके हैं। रेलवे या किसी राज्य की ओर से कोई प्रस्ताव हमारे पास लंबित नहीं है। केंद्रीय रेल मंत्री जी आपका बयान तथ्यहीन और आधारहीन है।"
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा - इन ट्रेनों के आने के बाद हम बचे हुए श्रमिकों का हिसाब लगाकर ज़रुरत के हिसाब से और ट्रेनों की अनुमति मांगेंगे। अनियोजित लॉक-डाउन की वजह से ही श्रमिक मुसीबत में फंसे। फिर उनसे टिकट के पैसे मांगे गए। माननीय श्रीमती सोनिया गांधी जी के निर्देश पर हम मज़दूरों का किराया चुका रहे हैं।
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