पीएमजीएसवाय सड़क पर रखा मटेरियल, सुतिया के गोटेदार मिट्टी के जैसा ही दिखाई दे रहा है।
जिला पंचायत में उठेगा खैरागढ़ से देवरी तक 9 करोड़ की लागत से बन रही 13 किमी सड़क का मामला।
खैरागढ़. देवरी तक बन रही 13 किमी सड़क के गड्ढे की माप में अाधे फीट का अंतर उजागर होने के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ। पता चला है कि सड़क के दानेदार उपाधार यानी सीबीआर में पांडुका की मुरुम डालनी है, लेकिन संबंधित ठेकेदार चार किमी दूर स्थित सुतिया गोटेदार पीली मिट्टी डाल रहा है। मटेरियल की गुणवत्ता पीडब्ल्यूडी के अफसर जानें, लेकिन इस चक्कर परिवहन खर्च की मोटी रकम ठेकेदार की जेब में अतिरिक्त जाएगी, उसका क्या?
बताया गया कि खैरागढ़ से देवरी तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के तहत बन रही रोड के सीबीआर में पांडुका की दानेदार मुरुम डाली जानी है। एस्टीमेट में भी इसी का प्रावधान है और इसी के आधार पर लीड का निर्धारण हुआ है। किन्तु सड़क के सीबीआर में पीले रंग की गोटेदार पथरीली मिट्टी दिखाई दी। ग्रामीणों से पूछने पर उन्होंने बताया कि यह मिट्टी सुतिया से लाई जा रही है, जो इसी रोड पर सर्रागोंदी से आगे है। सीधी बात है कि एस्टीमेट में बताई गई लीड से मुरुम लाने में होने वाला परिवहन खर्च बचाया जा रहा है।
खदान और रोड पर मिला एक प्रकार का मटेरियल
मौके पर मिली गोटेदार पीली मिट्टी और उसी रोड पर दायीं तरफ मिले खदान का मटेरियल एक जैसा ही है। ग्रामीणों का कहना है कि पूरे रोड में यहीं की पथरीली मिट्टी डालकर रोलर चलाया गया है। तराई को लेकर वे असमंजस में दिखे। कई लोगों का कहना है कि मटेरियल डाले जाने के बाद रोलर चलते तो उन्होंने देखा, लेकिन तराई होते नहीं। जबकि स्पष्ट कहा गया है कि अर्थ वर्क व सीबीआर में पानी डालकर रोलर चलाना है।
देवरी रोड किनारे दायीं तरफ स्थिति सुतिया का खदान, जहां का मटेरियल सीबीआर में डाला जा रहा है।
मुरुम के परिवहन में गोलमाल को समझने की जरूरत
0 खैरागढ़ से देवरी की दूरी लगभग 24 किमी है। इसमें गांव के भीतर की काक्रीट सड़कों को छोड़कर 13 किमी डामरीकरण किया जाना है।
0 इस निर्माण के बंधान मिट्टी कार्य (अर्थवर्क) में 2970 ट्रक के बराबर मिट्टी और सीबीआर में 278 ट्रक के बराबर मुरुम लगना तय है।
0 खैरागढ़ से पांडुका की दूरी तकरीबन 10 किमी है। इस हिसाब से पांडुका से निर्माण स्थल तक की कुल दूरी 34 किमी हुई।
0 खैरागढ़ के बाजार में पांडुका के मुरुम की कीमत 1500 रुपए प्रति ट्रक बताई जा रही है। यानी 278 ट्रक मुरुम की कीमत 4 लाख 17 हजार रुपए होती है।
0 इस मुरुम को खैरागढ़ से देवरी तक 24 किमी की दूरी अतिरिक्त तय करनी पड़ती, जाहिर तौर पर एस्टीमेट भी इसी के आधार पर बनी होगी।
0 अब सुतिया का मटेरियल लगाकर पांडुका का माल बताए जाने के पीछे लाखों के गोलमाल का गणित समझा जा सकता है।
जिला पंचायत में गूंजेगा पीएम सड़क का मामला
क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य घम्मन साहू का कहना है कि सड़क की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों ने भी शिकायत की थी। सब इंजीनियर फोजिया से पूछने पर उन्होंने एस्टीमेट के अनुसार पांडुका के मुरुम से निर्माण होने की बात कही है। घम्मन का कहना है कि गड्ढे में आधे फीट का अंतर शंकास्पद है और सुतिया की गोटेदार पीली मिट्टी के इस्तेमाल से ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की कवायद नजर आ रही है। वे जिला पंचायत में यह मामला उठाएंगे और इस बारे में जिम्मेदारों से सवाल किए जाएंगे।