विदेशी और देशी शराब दुकानों के साथ मध्य प्रदेश में अब अहाते भी खुलेंगे जो वातानुकूलित होंगे। अहाते के लिए दुकान संचालकों को शॉप बार लाइसेंस लेना होगा, जिसका शुल्क सालाना ठेका मूल्य का दो फीसदी होगा जो अलग से देय होगा। साथ ही कलेक्टर की अध्यक्षता में जिलों में शराब दुकानों के समूह बनाने के लिए समिति बना दी गई है।
पूर्व की शिवराज सरकार ने किया था बंद
वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने दुकानों के आसपास शराब पीने की वजह से ट्रैफिक जाम लगने, झगड़े होने और स्थानीय निवासियों को परेशानी होने की शिकायतें आने के मद्देनजर अहाते बंद करवा दिए थे। इसके बाद भी दुकानों के आसपास शराब पीने और वाहनों के खड़े होने से परेशानी सामने आ रही थी। इसके साथ साथ सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा था।
जुलाई में तैयार हुआ था प्रस्ताव
इसे देखते हुए वाणिज्यिक कर विभाग ने जुलाई 2019 में प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट के लिए भेजा था पर इसे विचार करने के पहले ही लौटा दिया गया था। अक्टूबर 2019 में नीति में संशोधन करते हुए दुकान संचालकों को अहाते खोलने की अनुमति देने का प्रावधान किया गया, लेकिन दुकान संचालकों ने रुचि नहीं दिखाई। वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में पांच माह शेष होने की वजह से दुकान संचालक आगे नहीं आए थे। इस बार नई शराब नीति में विदेशी और देशी शराब दुकानों के साथ अहाते खोलने के लाइसेंस देने का प्रावधान रखा है।
देश में पहली बार हाईब्रिड मॉडल
वाणिज्यिक कर विभाग के अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने कहा कि शराब दुकानों के संचालन के लिए हाईब्रिड मॉडल देश में पहली बार अपनाया गया है। इसके तहत प्रदेश के 16 जिलों में नीलामी के जरिए दुकानें दी जाएंगी तो बाकी 36 जिलों में लाइसेंस का नवीनीकरण होगा।
भोपाल, इंदौर, जबलपुर व ग्वालियर में दुकानों के दो और सागर, रतलाम, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, देवास, सतना, कटनी, रीवा, सिंगरौली, छिंदवाड़ा व मुरैना में एक समूह बनाया जाएगा। यहां ई-टेंडर के माध्यम से दुकानें नीलाम होंगी। बोली पिछले साल की तय दर से 25 फीसदी बढ़ाकर लगाई जाएगी। नवीनीकरण कराने के लिए यदि मौजूदा दुकान संचालक आगे नहीं आते हैं तो फिर ई-टेंडर से नीलामी की जाएगी।
अहाते के लिए जो शर्तें होंगी वो हैं
- अहाता दुकान से सटा होगा और कम से कम 150 वर्गफीट का होगा।
- शुद्ध पेयजल और प्रसाधन सुविधा का इंतजाम करना होगा।
- वाहन पार्किंग की व्यवस्था रखनी होगी।
- सुरक्षा के लिए कम से कम दो गार्ड रखने होंगे।