मध्यप्रदेश में आबकारी व्यवस्था में राजस्व बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार नए-नए उपाय कर रही है। इसमें सबसे नया उपाय विदेशी शराब के प्रदाय को ऑनलाइन करना है यानी कि अब आप घर बैठे बैठे शराब की बोतल मंगा सकते हैं । सरकार का दावा है कि इस व्यवसाय पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रत्येक बोतल में बारकोड लगाया जाएगा और हर बोतल की निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।
पर्यटन स्थलों पर खुलेंगे अंगूर वाइन के आउटलेट
इतना ही नहीं सरकार अंगूर उत्पादक कृषकों की आय में बढाने के लिए अंगूर से बनाई जाने वाली शराब की प्रसार के लिए पर्यटन स्थलों पर 15 नए आउटलेट खोलेगी। इन आउटलेटओं की फीस 10000 रुपये वार्षिक रहेगी।
नहीं खुलेंगी शराब की उपदुकानें
खास बात यह है कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी, आबकारी विभाग ने पहले प्रस्ताव दिया था कि शराब दुकान के पांच किलोमीटर के दायरे में यदि कोई दुकान नहीं है तो ठेकेदार को उप दुकान खोलने की अनुमति दी जाएगी। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट ने आपत्ति ली थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुनर्विचार कर नीति लागू करने के निर्देश दिए।
नीलामी हेतु नई आबकारी नीति हुई घोषित
नई नीति के अनुसार राजस्व बढ़ाने एवं सुरक्षित करने हेतु प्रदेश के 52 जिलों में दो हजार 544 देशी मदिरा दुकानों एवं एक हजार 61 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन पिछले वषर्ष के वाषिर्षक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर ई-टेंडर सह-नीलामी/ नवीनीकरण से किया जाएगा। प्रदेश के चार बड़े महानगर वाले जिले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर एवं जबलपुर में दुकानों के दो-दो समूह बनाए जाएंगे, जिसमें शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र तथा देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें होंगी। इन मदिरा दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर सह नीलामी से होगा एवं आरक्षित मूल्य पिछली बार के वार्षिक मूल्य से 25 प्रतिशत बढ़ाकर रखा जाएगा।
12 जिलों का बनेगा एक समूह
नगर निगम वाले 12 जिलों में दुकानों का एक समूह बनाकर ई-टेंडर सह नीलामी से होगा मदिरा दुकानों का निष्पादन एवं आरक्षित मूल्य पिछले साल के वार्षिक मूल्य से 25 प्रतिशत ब़़ढाकर रखा जाएगा। 36 जिलों में वर्ष 2019-20 में प्रचलित मदिरा दुकानों के यथास्थित एकल समूहों के वार्षिक मूल्य में वर्ष 2020-21 हेतु 25 प्रतिशत की वृद्धि कर आरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाकर, उनका निष्पादन वर्ष 2019-20 में प्रचलित व्यवस्था अनुसार अर्थात नवीनीकरण, लॉटरी एवं ई-टेंडर के माध्यम से किया जाएगा।
इन मंत्रियों का था सुझाव
खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल और वित्त मंत्री तरण भनोत ने कैबिनेट में सुझाव दिया था कि छोटे क्लस्टर बनाने की जगह जिले में दो-तीन समूह बनाकर ठेके दिए जाएं। सरकार ने इसे मान लिया है। जायसवाल खुद शराब व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, इस लिहाज से सरकार ने उनके सुझाव को तवज्जो दिया।