डिलीवरी ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर की लापरवाही से जच्चा-बच्चा दोनों की जान चली गई। घटना बिहार के खगड़िया जिले की है। वहां महेशखूंट के एक निजी क्लिनिक में मंगलवार को यह घटना घटी। परिजनों ने आरोप लगाया है कि डिलीवरी के दौरान डॉक्टर ने लापरवाही बरती। इसके बाद अस्पताल में काफी हंगामा हुआ।
सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और परिजनों को आश्वासन दिया। इसके बाद महेशखूंट के टाटा इमरजेंसी हॉस्पिटल को सील कर दिया गया। इसके अलावा पीड़ित के आवेदन पर थाने में एफआईआर भी दर्ज किया गया है।
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धड़ से अलक कर दिया नवजात का गला
हिंदुस्तान की रिपोर्ट्स के मुताबिक महदीपुर निवासी अमित कुमार की पत्नी चांदनी को प्रसव के लिए रेफरल अस्पताल गोगरी लाया गया था। बच्चा उल्टा होने के कारण अस्पताल में मौजूद एएनएम ने उसे टाटा इमरजेंसी हॉस्पिटल भेज दिया। वहां डॉक्टरों ने उसका चेकअप करने के साथ ही सर्जरी कराने की बात कही।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रसव कराने वाले डॉक्टर ने आॅपरेशन के एवज में एक लाख रुपए मांगे और सुबह प्रसव कराने की बात कही, लेकिन रात में ही महिला को पीड़ा हुई। स्थिति देख रात में ही उसे प्रसव के लिए ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। प्रसव के दौरान बच्चे के शरीर का निचला हिस्सा बाहर आ गया, किन्तु सिर बाहर नहीं आया। इसके चलते डॉक्टर ने नवजात का गला धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद महिला के पेट का ऑपरेशन कर कटा हुआ सिर बाहर निकाला गया। ऑपरेशन के कुछ देर बाद ही महिला ने भी दम तोड़ दिया।
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बताया गया कि यहां डॉक्टरों ने चालाकी की और प्रसूता की हालत नाजुक बताकर रेफर कर दिया। परिजन महिला को लेकर बेगूसराय के लिए निकल गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही उसकी सांसें थम गईं। इसके बाद उसके परिजन शव लेकर वापस महेशखूंट पहुंचे और अस्पताल में हंगामा किया।